राजस्थान के ये छोरा RAS में हुआ सलेक्ट, घर-घर बेचता था सब्जी
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राजस्थान के ये छोरा RAS में हुआ सलेक्ट, घर-घर बेचता था सब्जी

Jaisalmer News: आज हम आपको जैसलमेर नगर परिषद में आरओ पद पर कार्यरत पवन कुमार प्रजापत की सफलता की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी जिंदगी काफी संघर्ष भरी रही.  

 

राजस्थान के ये छोरा RAS में हुआ सलेक्ट, घर-घर बेचता था सब्जी

Jaisalmer News: आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे छोरे की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने घर-घर जाकर सब्जियां बेची और अपना घर चलाया. 

यह कहानी  पश्चिम राजस्थान के बाड़मेर जिले के भीमड़ा गांव के रहने वाले पवन कुमार प्रजापत की है. पवन कुमार प्रजापत ने घर-घर जाकर सब्जियां बेची और जोधपुर में सिर्फ 50 रुपये में मजदूरी भी की. पवन कुमार प्रजापत की जिंदगी में बचपन से ही संघर्ष रहा, उन्होंने सब्जियां बेची और फैक्ट्री में काम भी किया, इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और 170वें रैंक के साथ आरएएस परीक्षा पास की. 

पवन बेचता था सब्जी 
पवन कुमार प्रजापत ने गांव के सरकारी स्कूल में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की और इसके बाद से ही उनके जीवन का संघर्ष शुरू हो गया. पवन गांव में 10वीं तक पढ़ाई करते और जब वक्त मिलता तो घर से 9 किलोमीटर दूर बाटाडू गांव जाते और यहां से एक सब्जी व्यापारी से सब्जी खरीदक गांव में ढाणी-ढाणी जाकर बेचते थे, जिससे पवन के घर का गुजारा चलता था. 

पवन ने की आरएएस की तैयारी 
10वीं तक पढ़ाई के बाद पवन ने 4 महीने जोधपुर में 50 रुपये प्रतिदन के हिसाब से फैक्ट्री में मजदूरी की. वहीं, 12वीं करने के बाद बीए प्राइवेट की. फिर साल 2012 में आर्मी में चपरासी की नौकरी लगी, लेकिन जॉब जॉइन नहीं की. साल 2013 में पवन रेलवे में गनमैन लग गए. साल 2014 में पवन का चयन पटवारी में हो गया और इसके बाद में वह आरएएस की तैयारी में जुट गए. 

पवन का आरएएस में चयन
साल 2016 में पवन कुमार प्रजापत का एलआरओ पद के लिए चयन हो गया. साल 2018 में पवन ने आरएएस का पहला एग्जाम दिया, जिसमें वह असफल रहे लेकिन इसके बाद भी पवन ने हार नहीं मानी. साल 2021 में पवन ने भर्ती परीक्षा के लिए खूब मेहनत की और दूसरे प्रयास में 170वीं रैंक के साथ पवन का आरएएस में चयन हो गया . 

बचपन से ही रहा संघर्ष भरा जीवन 
पवन प्रजापत ने कहा कि उनका जीवन बचपन से ही संघर्ष भरा रहा. उनके माता-पिता किसान और निरक्षर हैं. पवन कहते हैं कि जीवन में इंसान की अलग-अलग परिस्थितियां होती है लेकिन व्यक्ति को हारना नहीं चाहिए. 

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