कम मतदान से बढ़ी बीजेपी की टेंशन, चुनावी रणनीति में किया बदलाव; अब वरिष्ठ नेताओं के हवाले बूथ
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कम मतदान से बढ़ी बीजेपी की टेंशन, चुनावी रणनीति में किया बदलाव; अब वरिष्ठ नेताओं के हवाले बूथ

Rajasthan- राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हुई कम पोलिंग ने भाजपा नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है. भाजपा आलाकमान ने दूसरे चरण में हर वोटर को बूथ तक लाने की रणनीति अमल में लाने को कहा है. 

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Rajasthan- राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हुई कम पोलिंग ने भाजपा नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'हर विजय शंखनाद रैली' में भाजपा कार्यकर्ताओं को हर मतदाता को बूथ तक लाने की बात कही थी, लेकिन उसका असर नहीं दिखाई दिया. भाजपा आलाकमान ने दूसरे चरण में हर वोटर को बूथ तक लाने की रणनीति अमल में लाने को कहा है. प्रचार की सभा और रोड शो के साथ ही मतदान तक की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को दी है.

बता दें कि पहले चरण में प्रदेश की 12 सीटों पर 19 अप्रैल को हुए चुनाव में मतदान प्रतिशत गिरा. चुनाव आयोग सहित सभी संस्थाओं के तमाम प्रयासों बावजूद मतदान प्रतिशत की गिरावट से भाजपा नेतृत्व की नींद उड़ा दी. अभी दूसरे चरण में 13 सीटों पर मतदान होना है, जिन पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर हुई है. अब हर वोटर को घर से बूथ तक पहुंचाने की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी है. उधर, भाजपा की चुनाव प्रबंधन कमेटी की ओंकार सिंह लखावत की अध्यक्षता में शनिवार को प्रदेश कार्यालय में मीटिंग हुई. जिसमें द्वितीय चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर गहन मंथन हुआ.

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को प्रत्याशियों के साथ ही उनकी टीम को दूसरे चरण पर काम करने को कहा है. मतदाता को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी बूथ अध्यक्ष और पन्ना प्रमुख की होगी.

इसके साथ ही दूसरे चरण की 13 लोकसभा सीटों पर स्टार प्रचारकों के साथ ही जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को देखते हुए जनसभा के साथ साथ  रैलियों की तादाद भी बढ़ाई जा रही है. यही कारण है कि पीएम मोदी, अमित शाह के बाद योगी आदित्यनाथ की ताबड़तोड़ सभाएं रैलियां कर रहे हैं. इसी के तहत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की निंबाहेड़ा और जोधपुर में रोड शो तथा राजसमंद में सभा की. इन तीनों ही जगह राजपूत बाहुल्य क्षेत्र माने जाते हैं.

माइक्रो मैनेजमेंट प्लान

भाजपा ने बूथ विजय के लिए माइक्रो मैनेजमेंट प्लान बनाकर बूथ प्रबंधन पर सख्ती से काम शुरु किया जा रहा है. पार्टी कार्यकर्ता और प्रवासी कार्यकर्ता 200 विधानसभाओं के करीब 52 हजार बूथों के हर घर, पगडंडी, चौपाल, गली, मोहल्ला पहुंचे थे और जनता के बीच मोटी की गारंटी व केंद्र सरकार के कार्यों के नाम पर वोट मांगने का काम किया था. पहले चरण में कम वोटिंग केबाद अब भाजपा ने बूथ मैनेजमेंट पर फोकस कर दिया है. पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर वोट करने की अपील करने के साथ वोटिंग के पीले चावल व वोटर स्लिप बांटने के लिए कहा गया है.

चाणक्य ने पहले ही किया था ताकिद...
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अलावा बीजेपी के चाणक्य और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जयपुर में कलस्टर मीटिंग में साफ कहा था कि पहले ही जीत मानकर बैठे 25 प्रतिशत पार्टी के वोटर्स को घरों से बाहर निकालने के लिए कहा था. इसके अलावा युवा और महिला वोटर्स को मतदान केंद्र तक पहुंचने के निर्देश दिए थे.

कम मतदान पर फीडबैक

प्रदेश में गर्मी व धूप तेज होने के कारण मतदाता दोपहर में घर से नहीं निकले. पिछले तीन दिन में सावे होने के कारण लोग शादियों में व्यस्त रहे. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मतदान नहीं किया! वोटर में उत्साह था लेकिन मतदान के लिए नहीं पहुंचे.

 

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