Rajasthan Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का पलड़ा हुआ भारी
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Rajasthan Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, करौली-धौलपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का पलड़ा हुआ भारी

Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. कांग्रेसी विधायक शोभारानी कुशवाहा के प्रतिनिधि एवं देवर उपेंद्र कुशवाह समेत चाचा ससुर कन्हैया लाल ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. 

 

Rajasthan Lok Sabha Election 2024

Dholpur News: कांग्रेस की धौलपुर शहर विधायक शोभारानी कुशवाहा के प्रतिनिधि और देवर उपेंद्र कुशवाहा व चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा समेत सैकड़ों की तादात में उनके समर्थक एवं कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यालय पर भाजपा पार्टी का दामन थाम लिया है. शनिवार से ही उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं सुर्खियों में चल रही थी. 

रविवार शाम को कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत एवं लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्र बुद्धे के नेतृत्व में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिजनों के भाजपा में शामिल होने से लोकसभा सीट का भी गणित पूरी तरह से बदल गया है. कुशवाहा और माली समाज का अच्छा खासा मतदाता करौली धौलपुर संसदीय क्षेत्र में दखल रखता है, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है. 

सत्ता पक्ष के साथ रहने की रही है आदत
कांग्रेसी विधायक शोभारानी कुशवाह के परिवार का राजनीतिक वजूद हमेशा सत्ता पक्ष के साथ रहा है, जब जब सत्ता जिसकी रही, हमेशा इनका परिवार उसी सत्ता के साथ शामिल रहा है. वर्ष 2013 में विधायक शोभारानी कुशवाहा के परिवार ने राजनीति में कदम रखा था. वर्ष 2013 का चुनाव शोभारानी कुशवाहा के पति बीएल कुशवाह ने बहुजन समाज पार्टी से जीता था लेकिन वर्ष 2016 में हत्या षड्यंत्र के एक मामले में बीएल कुशवाह को आजीवन कारावास की सजा हो गई.

बीएल कुशवाह के जेल जाने पर वर्ष 2017 में उपचुनाव कराया गया. उपचुनाव में बीएल कुशवाह ने पत्नी शोभारानी कुशवाहा को बहुजन समाज पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा से चुनाव लड़वाया था. भाजपा के सिंबल से चुनाव जीतकर शोभारानी कुशवाहा माली एवं कुशवाहा समाज की एकमात्र भरतपुर संभाग की नेता बन गई. इसके बाद 2018 का चुनाव भी शोभारानी कुशवाहा ने भाजपा से जीता था. 

वर्ष 2018 में अशोक गहलोत सरकार बनने के बाद शोभारानी कुशवाहा की नजदीकियां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बढ़ गई. शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस की सदस्यता लिए बिना पर्दे के पीछे से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कांग्रेस के लिए तत्कालीन समय पर काम किया था, जिसकी बानगी राज्यसभा चुनाव में देखने को मिली थी.

शोभारानी कुशवाहा ने भाजपा को क्रॉस बोट कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया था. तत्कालीन समय पर भाजपा ने नोटिस देकर शोभारानी कुशवाहा की पार्टी से सदस्यता भी निरस्त की थी. वर्ष 2023 के चुनाव में शोभारानी कुशवाहा खुलकर कांग्रेस के साथ आ गई. कांग्रेस से टिकट लेकर विधायक भी चुनी गई लेकिन अशोक गहलोत सरकार जाने के बाद फिर से कांग्रेसी विधायक शोभारानी कुशवाहा की नजदीकियां बीजेपी की तरफ देखी जा रही है. हालांकि शोभारानी कुशवाहा ने सार्वजनिक तौर पर भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की है. परिवार के सभी सदस्यों ने रविवार को भाजपा का दामन थाम लिया है. 

सीट पर भाजपा का पलड़ा हुआ भारी
शोभारानी कुशवाहा के प्रतिनिधि एवं देवर उपेंद्र कुशवाहा व चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा के भाजपा में शामिल होने से करौली धौलपुर संसदीय सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी हो गया है. करौली धौलपुर संसदीय क्षेत्र में भारी तादाद में कुशवाहा एवं माली समाज का मतदाता दखल रखता है. 

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