Dholpur news: धौलपुर जिला अस्पताल में पूछताछ काउंटर क्यों है खाली? इलाज के लिए लगी लंबी लाइन
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Dholpur news: धौलपुर जिला अस्पताल में पूछताछ काउंटर क्यों है खाली? इलाज के लिए लगी लंबी लाइन

Dholpur news: राजस्थान के धौलपुर जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं सही नहीं हैं. नया भवन बनने के बाद भी मरीज परेशान हैं. जांच और इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. 

 

धौलपुर जिला अस्पताल में इलाज के लिए लगी लंबी लाइन.

Dholpur news: धौलपुर नवीन जिला अस्पताल अपनी अव्यवस्थाओं के बीच लोगों को इलाज देने में मजबूर बना हुआ है.अस्पताल में साफ सफाई नहीं होने से मरीज व उनके परिजनों को परेशानी के बीच इलाज कराना पड़ रहा है.

जिले का सामान्य चिकित्सालय भले ही नए भवन में शिफ्ट हो गया हो, लेकिन फिर भी व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं,चाहे वह गंदगी का आलम हो,या फिर सामान्य बीमारियों की जांच तक की व्यवस्था का ना होना,यहां तक की ओपीडी में मरीजों और उनके अटेंडरो के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं होने के चलते परेशान मरीजों के अटेंडरो को चिकित्सालय प्रबंधन को कोसते हुए देखा जा सकता है.

शहर से लगभग 4 किलोमीटर दूर नए भवन में पिछले कुछ समय पहले जिला चिकित्सालय को शिफ्ट किया गया है,जिससे आमजन को उम्मीद थी की नये भवन में उन्हें चिकित्सीय सुविधाओं के साथ मूलभूत सुविधाएं भी मिलेंगी.लेकिन चिकित्सालय प्रशासन की अनदेखी व लापरवाही के चलते मरीजों और उनके अटेंडरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

जिसमे प्रमुख रूप से ओपीडी और भर्ती मरीजों के अटेंडरों के लिए बैठने तक की व्यवस्था ना होना,देखने में आया ओपीडी में आने वाले मरीजों के अटेंडर जब रजिस्ट्रेशन पर्चे,जांच पर्चे आदि की लाइन में लगते हैं, या फिर चिकित्सक का इंतजार करते हैं. तब उन्हे जमीन पर बैठते या लेटते देखा जा सकता है,जिसके कारण संक्रमण का खतरा भी बना रहता है.

जानकारी के लिए नहीं कोई

पूछताछ काउंटर खाली होने के चलते चिकित्सालय की भव्य बिल्डिंग में ग्रामीण मरीजों को विभिन्न व्यवस्थाओं,जांच,चिकित्सक का कमरा,भर्ती वार्ड आदि की जानकारी के लिए भटकना पड़ता है,ऐसे में जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर मरीजों के तीमारदारों में रोष देखा गया है,क्योंकि शहर से तीन किलोमीटर दूर चिकित्सालय में आना.

उसके बाद गेट से ओपीडी तक पैदल जाना,ओपीडी में रजिस्ट्रेशन की लंबी लाईन में लगना और फिर चिकित्सकों,जांच केंद्र, दवाइयों की लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते-करते मरीज और उसके तीमारदार थक जाते है,जिसके परिणामस्वरूप लोग इस अस्पताल के बजाय शहर के प्राइवेट क्लिनिकों या चिकित्सकों के घरों पर अपना इलाज कराने मजबूर हो रहे हैं.

सोनोग्राफी जांच कराने को लेकर इंतजार

जिला अस्पताल में मरीजों की जांच के लिए दो सोनोग्राफी मशीन लगी हुई है.लेकिन स्टाफ की कमी के चलते केवल एक मशीन का ही संचालन किया जा रहा है.जांच कराने के लिए मरीजों को घंटो इंतजार करना पड़ रहा है.उनके बैठने के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है, तो वह फर्श पर ही लेट कर इंतजार करते हैं. गांव से आई बुजुर्ग महिला पहले तो काफी देर तक लाइन में खड़े रहकर इंतजार करती रहीं. लेकिन कुछ देर बाद उसके पैरो में दर्द शुरू हुआ.तो वह फर्श पर लेटकर आराम करने लगी. 

ऐसी अव्यवस्थाओं के बीच लोगों को जांच करानी पड़ रही है

उम्मीद थी नवीन भवन में बेहतर होगी सुविधा.लोगों की उम्मीद जगी थी अच्छा इलाज मिल सकेगा. लेकिन, इलाज तो दूर यहां पर गंदगी के बीच लोगों को रहना मुश्किल हो रहा है.अस्पताल चार मंजिला बना हुआ है.लेकिन सुविधाएं चरमरा गई है. परिसर में गंदगी का आलम बना हुआ है.जिससे लोगों को परेशानी होने लगी है. मेल मेडिकल वार्ड इन दिनों बुखार, जुकाम के भर्ती मरीजों से फुल बना हुआ है.

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