Maharashtra Deputy Chief Minister: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार एक बार फिर परेशानी में हैं. पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरां बोरवणकर ने अपनी किताब में उन पर कई इल्जाम लगाए है, हालांकि, उप मुख्यमंत्री ने आरोपों को बेबुनियाद बताया.
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Maharashtra Deputy Chief Minister Ajit Pawar: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार पिछले कुछ दिनों से आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि एक सरकारी साजिश के सिलसिले में रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर और पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरां चड्ढा बोरवंकर के जरिए यरवदा पुलिस स्टेशन (पुणे) की जमीन के सौदे के बारे में लगाए गए इल्जामात से उनका कोई संबंध नहीं है. यह स्वीकार करते हुए कि संरक्षक मंत्री के तौर पर उन्होंने पुणे की उस समय की पुलिस कमिश्नर मीरा चड्ढा बोरवंकर से मुलाकात की थी, अजित पवार ने कहा कि वह यरवदा में भूमि भूखंड पर फैसले लेने से मुताल्लिक किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं हुए थे.
मामले की जांच कराओ: अजित
अजित पवार ने ज़ोर देकर कहा, "मैं निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल नहीं था, मैंने इसका मूल्यांकन नहीं किया, न ही मैं इस सिलसिले में किसी मीटिंग में शामिल हुआ, मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. अपोजिशन पार्टी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी , शिवसेना (यूबीटी) और अन्य की मांग पर अजित पवार ने कहा कि जमीन अभी भी वहां है, इसलिए जांच होने में कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा, जमीन कहीं चली तो नहीं गई? यह अभी भी है, इसलिए, जांच कराओ या जो चाहो करो, इसमें मेरा कोई रोल नहीं है.
जो गैर कानूनी काम नहीं किया: अजित
अलग-अलग पार्टियों की दलीलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो गैर कानूनी हो या सरकार को नुकसान पहुंचाए. मीरा के इस दावे पर कि उन्होंने 2010 में उनके साथ मोटे तौर पर बात की थी, अजित ने कहा कि वह 32 सालों से अधिक समय तक मंत्री और डिप्टी सीएम रहे हैं, कई अधिकारियों के साथ बातचीत की है और उन्हें कभी भी इस तरह के इल्जाम का सामना नहीं करना पड़ा है. उन्होंने कहा, "मैंने सभी अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाली है, आप किसी भी विभाग के किसी भी ऑफिसर से पूछ सकते हैं, हालांकि मेरा रवैया सख्त है, लेकिन मैं उनसे बहुत एहतेराम से बात करता हूं.
मुझ पर ही फोकस क्यों?
उन्होंने कहा, रिटायर्ड आईपीएस ने अपनी किताब 'मैडम कमिश्नर : द एक्स्ट्राऑर्डिनरी लाइफ ऑफ एन इंडियन पुलिस चीफ' में कई अन्य ईशूज पर भी लिखा है, लेकिन सबका ध्यान सिर्फ मुझ पर ही क्यों केंद्रित है?"अजित पवार अपनी बात साबित करने के लिए अपने साथ यरवदा की जमीन से संबंधित पुराने सरकारी रिकॉर्ड भी लाए.
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