आमिर खान स्टारर 'कयामत से कयामत तक' की रिलीज को पूरे हुए 36 साल, जूही चावला संग एक्टर की जमी थी जोड़ी

Qayamat Se Qayamat Tak: कयामत से कयामत तक फिल्म 1988 में रिलीज़ हुई थी. एक ऐसी टाइमलेस बॉलीवुड लव स्टोरी है, जिसने कई पीढ़ियों से दर्शकों के दिलों पर कब्ज़ा किया है. आज फिल्म को 36 साल पूरे हो गए हैं.

Written by - Manushri Bajpai | Last Updated : Apr 29, 2024, 01:01 PM IST
  • 'कयामत से कयामत तक' के 36 साल पूरे
  • दर्शकों ने फिल्म पर बरसाया था खूब प्यार
आमिर खान स्टारर 'कयामत से कयामत तक' की रिलीज को पूरे हुए 36 साल, जूही चावला संग एक्टर की जमी थी जोड़ी

नई दिल्ली:Qayamat Se Qayamat Tak: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान ने बतौर लीड एक्टर फिल्म कयामत से कयामत तक से अपनी शुरुआत की थी. राज के रूप में उन्हें दर्शकों और क्रिटिक्स दोनो द्वारा खूब पसंद किया गया था. इतना ही नहीं फिल्म में उनकी जूही चावला के साथ केमिस्ट्री ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. फिल्म में दोनो के बीच के रोमांस ने सभी के दिलों को धड़काया था. 

मंसूर खान की इस फिल्म की कहानी न सिर्फ आकर्षक थी, बल्कि इसके टाइमलेस गाने ने भी लोगों पर गहरी छाप छोड़ी है.  आनंद-मिलिंद द्वारा कंपोज्ड और मजरूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखे गए, यह साउंडट्रैक अपनी इमोशनल गहराई की वजह से दर्शकों के बीच तुरंत हिट हो गया. "पापा कहते हैं", "अकेले हैं तो क्या गम है" और "ऐ मेरे हमसफ़र" जैसे सॉन्ग्स में एक खास धुन थी, जो अलग अलग पीढ़ियों के लोगों को एक दूसरे से जोड़ती है और उनके इमोशन को बाहर लेकर आती है.

कयामत से कयामत तक हिंदी सिनेमा के इतिहास में वाकई एक माइलस्टोन है. यह एक म्यूजिकल रोमांस फिल्म है जिसने 1990 के दशक में हिंदी सिनेमा को परिभाषित किया था. खास बात यह भी है कि, इस फिल्म ने बेस्ट पॉपुलर फिल्म का नेशनल फिल्म अवार्ड भी अपने नाम किया था.

कयामत से कयामत तक एक ऐसा पल है, इंडियन सिनेमा के इतिहास में जो हमेशा याद किया जाएगा, क्योंकि इस फिल्म ने इंडस्ट्री के रुख को हमेशा के लिए बदल दिया गया और दर्शकों पर गहरा असर छोड़ा है. यह कहना गलत नहीं होगा कि इस फिल्म ने इंडियन सिनेमा के जॉनर को दोबारा परिभाषित कर दिया. 1988 में आई इस फ़िल्म में माता-पिता के विरोध, सामाजिक अपेक्षाएँ और परंपरा और मॉडर्न युग के बीच के संघर्ष जैसे जरूरी सामाजिक मुद्दों को दिखाया गया था. इसने कहानी कहने के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत की, जिसमें नएपन, सच्चाई और इमोशंस से भरी गहराई थी.

अपनी जबरदस्त कहानी, यादगार एक्टिंग और टाइमलेस म्यूजिक के साथ, इस फिल्म ने न सिर दर्शकों का दिल जीता, बल्कि एक स्थायी विरासत भी छोड़ी जो आज भी प्रभावित करती है, जिससे यह इंडियन सिनेमा के इतिहास में आइकॉनिक रोमांटिक फिल्मों में से एक बन गई है.

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