एक दो नहीं, 18 देशों ने एकजुट होकर इजरायल का दिया साथ, 'सबसे खास दोस्त' भारत का नाम नहीं, देखें लिस्ट
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एक दो नहीं, 18 देशों ने एकजुट होकर इजरायल का दिया साथ, 'सबसे खास दोस्त' भारत का नाम नहीं, देखें लिस्ट

Gaza hostage release: दुनिया के 18 देशों ने के नेताओं ने गाजा से बंधकों की रिहाई की मांग की, कहा कि इससे युद्ध का 'विश्वसनीय अंत' होगा. लेकिन इन देशों में सबसे खास बात यह है कि इसमें भारत का नाम ही नहीं है, देखें देशों की लिस्ट.  

एक दो नहीं, 18 देशों ने एकजुट होकर इजरायल का दिया साथ, 'सबसे खास दोस्त' भारत का नाम नहीं, देखें लिस्ट

Israel-Hamas war:  संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और एक दर्जन से अधिक अन्य देशों के नेताओं ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान में हमास से अपने पास मौजूद कई बंधकों को रिहा करने का अनुरोध किया. नेताओं ने कहा, "हम गाजा में 200 दिनों से अधिक समय से हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी बंधकों की तत्काल रिहाई का आह्वान करते हैं. उनमें हमारे अपने नागरिक भी शामिल हैं."

18 देशों के नेताओं ने हमास से बंधकों को रिहा करने का आह्वान किया
इन देशों के नेताओं का कहना है "हम इस बात पर जोर देते हैं कि बंधकों को रिहा करने के समझौते से गाजा में तत्काल और दीर्घकालिक युद्धविराम लाएगा, जिससे पूरे गाजा में अतिरिक्त आवश्यक मानवीय सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी और शत्रुता का विश्वसनीय अंत होगा". "हम अपने लोगों को घर लाने के लिए चल रहे मध्यस्थता प्रयासों का पुरजोर समर्थन करते हैं."

हमास का आया तुरंत जवाब
जैसे ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को हमास द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों वाले 18 देशों के नेताओं के एक संयुक्त बयान में आतंकवादी समूह से उन्हें तुरंत गाजा से रिहा करने का आह्वान किया. उसके तुरंत बाद ही हमास के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी दबाव का "कोई मूल्य नहीं है." हमास तेल अवीव के साथ किसी भी बंधक-कैदी समझौते के बदले में गाजा के खिलाफ इजरायल के चल रहे हमले को स्थायी रूप से समाप्त करने की मांग कर रहा है.

देखें 18 देशों की लिस्ट

  1. अर्जेंटीना
  2. ऑस्ट्रिया
  3. ब्राजील
  4. बुल्गारिया
  5. कनाडा
  6. कोलंबिया
  7. डेनमार्क
  8. फ्रांस
  9. जर्मनी
  10. हंगरी
  11. पोलैंड
  12. पुर्तगाल
  13. रोमानिया
  14. सर्बिया
  15. स्पेन
  16. थाईलैंड
  17. ब्रिटेन
  18.  यूनाइटेड किंगडम 

इस लिस्ट में इजरायल और भारत का नाम क्यों नहीं?
अमेरिका ने इस लिस्ट में इजरायल का नाम नहीं शामिल किया था,बाइडेन का मकसद हमास पर दबाब बनाने का था कि देखों इजरायल को छोड़कर भी कितने देश हमारे साथ हैं, दूसरी बात इससे अंतरराष्ट्रीय समर्थन की ताकत अन्य देशों को दिखाने का था. तीसरी बात इसमें वह देश भी शामिल हैं, जिनके नागरिकों को हमास ने बंधक बनाया हुआ है, या बनाया था.

चौथी बात इसमें भारत का नाम इसलिए नहीं कि अमेरिका उन्हीं लोगों के नेताओं को साथ लाना चाहता है जो पूरी तरह हमास के विरोध में हैं, भारत का रूख भले इजरायल के साथ हो, लेकिन आधिकारिक तौर पर ऐसा कोई बयान भारत ने नहीं दिया है कि इससे लगे कि वह खुले तौर पर हमास का कट्टर विरोधी है. भारत कभी भी किसी अन्य देशों के मामले में खुले तौर पर हस्तक्षेप नहीं करता. जब तक कि अन्य देश भारत को नुकसान न पहुंचा रहा हो. भारत की अभी तक यही विदेश नीति रही है. 

7 अक्टूबर को हमास ने बनाया बंधक
हमास ने 7 अक्टूबर को एक चौंकाने वाले हमले के दौरान इजरायल से कई सैनिकों, नागरिकों को बंधक बनाकर गाजा ले आए थे. जिससे बाद इज़राइल और हमास के बीच अब तक का सबसे भयंकर जंग छिड़ गया, इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने तो फिलिस्तीनी समूह हमास को खत्म करने की कसम खा ली है, तभी से जंग जारी है. जिसमें 34 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. 

अब तक 129 लोग बंधक
इज़राइल का अनुमान है कि 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान अपहृत किए गए लगभग 250 लोगों में से 129 लोग गाजा में रह गए हैं, जिनमें 34 लोग शामिल हैं जिनके बारे में सेना का कहना है कि वे मर चुके हैं. आधिकारिक इज़रायली आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, हमास के हमले में 1,170 लोगों की मौत हुई.

34,305 से अधिक लोगों की मौत
हमास द्वारा संचालित क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकवादियों के बीच छह महीने से अधिक समय से चले आ रहे युद्ध के दौरान गाजा में कम से कम 34,305 लोग मारे गए हैं.

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