हबीबगंज रेलवे स्टेशन, जो अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है, भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन है. इसे भोपाल, मध्य प्रदेश में बनाया गया है और यह किसी एयरपोर्ट से कम नहीं दिखता.
इस स्टेशन में एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं हैं, जैसे शॉपिंग, कैफेटेरिया, और एयर कॉन्कोर्स. 2000 यात्री प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों का इंतजार कर सकते हैं, जबकि 900 यात्री एयर कॉन्कोर्स में बैठ सकते हैं. स्टेशन को भीड़भाड़ से मुक्त रखने के लिए 2 सब-वे बनाए गए हैं, जिनसे 1500 लोग गुजर सकते हैं.
यात्रियों की सुविधा के लिए एंट्री और एग्जिट अलग-अलग हैं. ट्रेन से उतरने वाले यात्री सब-वे का उपयोग करके सीधे बाहर निकल सकते हैं, जबकि ट्रेन पकड़ने वाले एयर कॉन्कोर्स का उपयोग कर सकते हैं.
इस 450 करोड़ रुपये की लागत वाले स्टेशन में 84 मीटर लंबा और 36 मीटर चौड़ा एयर कॉन्कोर्स है. स्टेशन में एयरपोर्ट जैसे वेटिंग लाउंज और बड़ी एलईडी स्क्रीन हैं जो ट्रेन की जानकारी देती हैं. यात्रियों के मनोरंजन के लिए प्रदेश के पर्यटन स्थलों और इतिहास की जानकारी भी दी जाती है.
कमलापति रेलवे स्टेशन देश का पहला 5-स्टार जीईएम रेटेड स्टेशन है. यह सोलर एनर्जी से जगमगाता है और यह देश का पहला ग्रीन स्टेशन भी है. यह एनएफपीए (राष्ट्रीय अग्नि सुरक्षा अधिनियम) का पालन करने वाला पहला रेलवे स्टेशन है.
यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशन में 150 से अधिक हाई-रिजॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. स्टेशन में प्रवेश करने वाले वाहनों और आने-जाने वाले यात्रियों की भी निगरानी की जाती है.
आपातकालीन स्थिति में, 4 मिनट के अंदर पूरा स्टेशन खाली कर दिया जाएगा और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
हबीबगंज (रानी कमलापति) स्टेशन भारत में रेल यात्रा के नए युग का प्रतीक है, जो यात्रियों को आरामदायक, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करता है.