मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी जनजाति भील है. ये अपने साथ धनुष-बाण रखते हैं.
गोंड जनजाति MP की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है. इस जनजाति के लोग पहाड़ों पर रहते हैं.
बैगा जनजाति को गोंड की उपजाति माना जाता है. इनमें बासी भोजन खाने की परंपरा है. ये MP के दक्षिण क्षेत्र में निवास करते हैं.
कोरकु जनजाति के लोग मध्य प्रदेश के दक्षिण जिलों में निवास करते हैं.
सहरिया जनजाति केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष पिछड़ी जनजाति है. इस जनजाति के लोग जड़ी-बूटियों की पहचान में माहिर होते हैं.
बंजारा जनजाति भारत की घुमंतू जनजाति है. बंजारा जनजाति की स्त्रियों को श्रृंगार करना बहुत पसंद है.
उराव जनजाति के मुखिया को 'महतो' कहा जाता है. यह लोग प्राचीन समय से कृषि और पशुपालन करते आ रहे हैं.
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा आदिवासी (कुल 21.1%) जनसंख्या है.