Jammu Kashmir News: इधर INDIA गठबंधन में फूट, उधर कश्मीर में भिड़ गए कद्दावर नेता फारूक और आजाद
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Jammu Kashmir News: इधर INDIA गठबंधन में फूट, उधर कश्मीर में भिड़ गए कद्दावर नेता फारूक और आजाद

Jammu Kashmir Politics News: क्या जम्मू- कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने की नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को पहले से जानकारी थी. गुलाम नबी आजाद के इस आरोप पर फारूक अब्दुल्ला भड़क उठे हैं.

 

Jammu Kashmir News: इधर INDIA गठबंधन में फूट, उधर कश्मीर में भिड़ गए कद्दावर नेता फारूक और आजाद

Farooq Abdullah vs Ghulam Nabi Azad: I.N.D.I. गठबंधन भानुमति का ऐसा कुनबा बन गया है, जिसमें एक को मनाओ तो दूसरा रूठ जाता है. एक- एक करके ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार गठबंधन का साथ छोड़ चुके हैं. अब कश्मीर में 2 कद्दावर नेता फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद आपस में भिड़ गए हैं. प्रदेश से अनुच्छेद- 370 हटाए जाने को लेकर दोनों नेताओं में शब्दों के तीर चले और दोनों ने एक-दूसरे पर जम्मू- कश्मीर की जनता के साथ धोखा खरने का आरोप लगाया. 

'रात 11 बजे के बाद मिलने का वक्त मांगते थे NC नेता'

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले केंद्र सरकार ने पार्टी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के साथ विचार-विमर्श किया गया था.  आजाद ने एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता रात 11 बजे के बाद दिल्ली में नेताओं से मिलने का समय मांगते हैं, जिससे लोगों के मन में संदेह पैदा होता है. 

'5 अगस्त 2019 के फैसले के बारे में जानते थे फारूक अब्दुल्ला' 

उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में दिल्ली में एक चर्चा थी कि फारूक और उमर अब्दुल्ला को पहले से पता था कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया जाएगा. आजाद ने कहा कि उन्होंने सुना था कि फारूक और उमर अब्दुल्ला को उनकी इच्छा के अनुसार हिरासत में लिया गया था. साक्षात्कार का प्रसारण सोमवार को किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री आजाद ने कहा कि उन्होंने (फारूक अब्दुल्ला ने) कई अन्य नेताओं के साथ, जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त, 2019 के फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक की थी. 

गुलाम नबी आजाद के इन दावों पर आपत्ति जताते हुए नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को पलटवार किया. अब्दुल्ला ने कहा कि आधारहीन और विवेकहीन आरोप लगाकर आजाद बहुत निचले स्तर तक गिर गए हैं. 

'आजाद बहुत निचले स्तर पर गिर गए हैं'

श्रीनगर से लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बहुत दुख की बात है कि राजनीतिक हल्के में बने रहने के लिए आजाद ने इतने निचले स्तर का बयान दिया है. उनके जैसे नेता को ये बातें नहीं करनी चाहिए, जिन्हें वह खुद गपशप कहते हैं. अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस हमेशा धर्मनिरपेक्षता के लिए खड़ी रही है, खड़ी रहेगी और अब समय आ गया है कि आजाद कांग्रेस से अलग होने और जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी बनाने का असली कारण बताएं. 

फारूक ने कहा, 'उन्हें वास्तव में स्पष्ट करना होगा कि वह किस तरफ हैं. वह राज्यसभा का सदस्य नहीं रहने के बाद भी हर लाभ का आनंद ले रहे हैं. सवाल यह है कि कैसे?' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कई अन्य नेताओं के साथ, जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र सरकार के पांच अगस्त, 2019 के फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बैठक की थी. 

'वह आजाद कहां है, जो राज्यसभा सीट के लिए हमसे भीख मांग रहा था'

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “हमें जो भी करना होता है, दिन के उजाले में करते हैं. रात में समय क्यों मांगे...?” उन्होंने आजाद के बयान को बचकाना और हास्यास्पद बताया. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर लिखा, “वाह भई वाह गुलाम नबी आजाद, आज बहुत गुस्सा हैं. वह गुलाम कहां है, जो 2015 में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए हमसे भीख मांग रहा था?” 

उन्होंने लिखा, “(आप कह रहे हैं कि) अब्दुल्ला 370 के बारे में जानते थे, फिर भी हमें जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत आठ महीने से अधिक समय के लिए हिरासत में रखा गया और आप आजाद थे. आप जम्मू-कश्मीर के एकमात्र पूर्व मुख्यमंत्री थे, जो पांच अगस्त के बाद आजाद थे.

गुलाम नबी आजाद ने वर्ष 2022 में बना ली थी अपनी खुद की पार्टी

बताते चलें कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं. वे 2014 से लेकर 2022 तक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. इससे पहले वर्ष 2005 से लेकर 2008 तक वे जम्मू कश्मीर के सीएम रहे. गांधी परिवार के साथ मनमुटाव होने पर उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अपनी खुद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बना ली थी और अब वे पूरे प्रदेश में उसका विस्तार करने में लगे हैं. 

(एजेंसी भाषा) 

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