राजस्थान का वो सीएम,जो भूखे पेट करते रहते थे काम

मुख्यमंत्री

राजस्थान में आजादी के बाद कई सारे मुख्यमंत्री बने,जिन्होंने अपने काम के बदौलत अपना नाम किया.

भूखे पेट

आपको बताते हैं राजस्थान के एक ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में,जो भूखे पेट कई घंटे काम करते थे.

श्रद्धेय भैरोंसिंह शेखावत

राजस्थान के दिवंगत पूर्व CM भैरोंसिंह शेखावत के बारे में कहा जाता है कि वह अपने कार्यकाल के दौरान कई घंटों तक भूखे-प्यासे काम करते थे.

कार्यकाल

भैरोंसिंह शेखावत अपने कार्यकाल के दौरान देर रात तक सचिवालय में काम करते थे,जहां अन्य लोग सचिवालय में ही खाना मंगवा लेते थे.

दिवंगत पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत देर रात होने के बावजूद अपना खाना नहीं मंगवाते थे.

श्रीमती बन्ने कंवर

कहा जाता है कि ऐसा करने के पीछे CM साहब का एक नियम था. वह अपनी मां बन्ने कंवर ((भाभू)) के साथ बैठकर ही खाना खाते थे.

भैरोंसिंह शेखावत कार्यलय में कितना भी लेट हों जाए,लेकिन उनकी मां उनका खाने पर उनका इंतजार करती थीं.

सौभाग्य सिंह जी बीदावत

भैरोंसिंह शेखावत के पिता का नाम ठाकुर सौभाग्य सिंह बीदावत (सहनाली) था जो बीकानेर रियासत के सम्मानित व्यक्ति थे.

जिम्मेदारियां

पूर्व सीएम भैरोंसिंह शेखावत ने काफी कम उम्र में ही परिवार की जिम्मेदारियां संभाल ली थी.

सीएम पद की शपथ लेते ही भैरों सिंह ने मां के पैर छूए,जिस पर मां ने कहा था,''भैरोंसिंह तू सरपंच तो बणग्यो है,अब कदेई कोई गरीब री हाय मत लीजे.सगलां रो काम करजे अर थारे पितरां रो नाम करजे''.

जब भैरोंसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने,तो उनकी मां ने कहा था, ''भैरोंसिंह तुम सरपंच बन गए हो,अब कोई गरीब की हाय मत लेना''.

एक दिन जब भैरोंसिंह घर पर खाना खाने लेट आए तो उनकी मां ने उनसे गुस्से में कहा था,'' भैंरोंसिंह तुम सरपंचई छोड़कर,कोई दुकान खोल लो''.

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