भारत से पैसा इकट्ठा करके विदेशों में भेजता है ISKCON? सच्चाई आई सामने

ISKCON क्या है?

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (ISKCON) जिसे आम बोलचाल की भाषा में हरे कृष्ण मूवमेंट से भी जाना जाता है. यह एक गौड़ीय वैष्णव हिंदू धार्मिक संगठन है.

ISKCON क्यों रहता है चर्चा में?

ISKCON संस्था के देश और दुनिया में कई मंदिर हैं, जिनमें हर रोज ना जाने लाखों लोग जाते होंगे. लेकिन यह संस्था जिन कारणों से चर्चा में रहती है, वह गंभीर है.

क्या है पैसों का मामला?

दरअसल, ISKCON पर आरोप लगते रहते हैं कि यह भारत से पैसा इकट्ठा करके विदेशों में भेजता है. अब इसपर श्री माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ने प्रकाश डाला है.

क्या है सच्चाई?

गौड़ीय परम्परा के वंश में महाराज श्री 38वें आचार्य हैं. इन्होंने इस्कॉन पर लगने वाले आरोपों को गलत बताया है.

ISKCON पर क्या बोले महाराज जी?

पुंडरीक जी महाराज ने कहा कि यहां से पैसा बाहर ले जाने की बात तो छोड़िए, बल्कि ISKCON भारत में उल्टा धन लेकर आता है.

इस्कॉन एक बहुत बड़ी संस्था

महाराज जी कहते हैं, 'इस्कॉन एक बहुत बड़ी संस्था है, यह दुनिया भर से बहुत अधिक धन, अलग-अलग माध्यम से भारत लाती है. मंदिर व सेवा आदि के कार्यों में इसका उपयोग होता है.'

इस्कॉन का है ये नियम

पुंडरीक जी ने यहां तक कह दिया कि इस्कॉन तो ऐसी संस्था है, जिसमें एक मंदिर से दूसरे मंदिर के निर्माण तक के लिए धन नहीं लिया जाता.

महाराज जी ने इस्कॉन से कही ये बात

पुंडरीक जी ने कहा कि वे दोनों तरफ की बात करेंगे. इस्कॉन को अपनी पॉलिसी पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्कॉन को लेकर बड़े-बड़े धर्म गुरुओं में भी मतभेद है. इस कारण अफवाहें भी उड़ती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)