क्या आपको पता है कैसे हुआ था भगवान शिव का जन्म?

अराधना

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अगर सच्चे मन से भगवान शिव की अराधना की जाए, तो लाइफ की सारी परेशानी दूर हो जाती हैं.

सोमवार

कहा जाता है कि सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम है. इस दिन पूजा करने से भोलनाथ जल्दी खुश होते हैं.

कहानियां

भगवान शिव के जन्म को लेकर बहुत सी कहानियां प्रचलित है. सभी ग्रंथों में अलग-अलग कहानियां लिखी हुई हैं.

रहस्यमयी खंभा

कथाओं के मुताबिक, भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी एक बार एक रहस्यमयी खंभा नजर आया. इसका कोई ओर व छोर नजर नहीं आ रहा था.

तलाश

ऐसे में भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी इसकी खूब तलाश की लेकिन वो हार गए.

अनंत

कहा जाता है कि इस रहस्यमयी खंभे से ही भगवान शिव विष्णु और ब्रह्मा जी से सामने आए. इसी के चलते माना जाता है कि भगवान शिव अनंत हैं.

स्वयंभू

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव स्वयंभू है, जिसका अर्छ है कि उनका जन्म अपने आप हुआ था.

सदाशिव और पराशक्ति

वहीं, कुछ धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक कहा जाता है कि भगवान सदाशिव और पराशक्ति से भोलेनाथ की उत्पत्ति हुई थी.

माथे का तेज

वहीं, भगवान शिव को लेकर विष्णु पुराण में लिखा है कि भगवान शिव का जन्म विष्णु जी के माथे के तेज से हुआ था.

कहानियां

भोलेनाथ को लेकर कई सारी कहानियां प्रचलित हैं. (डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.)

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