Akash Anand: एक भाषण ने बसपा के आकाश को 'जमीं' पर ला दिया? भाजपा का कनेक्शन क्या है
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Akash Anand: एक भाषण ने बसपा के आकाश को 'जमीं' पर ला दिया? भाजपा का कनेक्शन क्या है

Mayawati News: 24-25 साल की उम्र में राजनीति में एंट्री, 28 की उम्र में उत्तराधिकारी, क्या तब मायावती ने परिपक्वता के बारे में नहीं सोचा था? अब ये सवाल उठ रहे हैं. मायावती ने अब घोषणा की, 'आकाश आनंद को नेशनल कोओर्डिनेटर और उत्तराधिकारी घोषित किया था लेकिन... व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक दोनों जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है.'

Akash Anand: एक भाषण ने बसपा के आकाश को 'जमीं' पर ला दिया? भाजपा का कनेक्शन क्या है

BSP Akash Anand: वोट नहीं, जूता-चप्पल और लाठी दो... ऐसी सरकार आतंकवादियों की सरकार होती है... कुछ ऐसा ही आक्रामक भाषण देकर मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद पिछले दिनों चर्चा में आ गए थे. लोकसभा चुनाव अभी चल ही रहा था और बसपा सुप्रीमो ने 'पूर्ण परिपक्वता' का हवाला देते हुए आकाश से सारे अधिकार वापस ले लिए. पहले उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी के तौर पर घोषित किया गया था. जैसे ही मायावती का यह फैसला आया, कई विपक्षी नेताओं ने आकाश आनंद के वीडियो शेयर करने शुरू कर दिए.

भाजपा के खिलाफ बोलने पर कार्रवाई?

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने लिखा, 'ढेर सारे मित्र मुझसे नाराज थे लेकिन मैंने सच बोला था जो भाजपा के खिलाफ बोलेगा, वह बहन जी को मंजूर नहीं, शायद आकाश आनंद ये समझ नहीं पाए.' ऐसे में सवाल यह है कि क्या एक वीडियो के कारण आकाश आनंद पर गाज गिरी है?

29 साल के आकाश ने कहा क्या?

मायावती के छोटे भाई के बेटे आकाश आनंद अभी 29 साल के हैं. उनके भाषण का जो हिस्सा अब वायरल है उसमें आकाश कहते सुनाई देते हैं, 'साथियों, भाजपा की सरकार आतंकवादियों की सरकार है... ऐसी सरकार के खत्म होने का समय आ गया है... अगर मेरी बात ज्यादा चुभ गई हो और इलेक्शन कमीशन को लगे कि मुझे तालिबान नहीं बोलना चाहिए था या भाजपा को आतंकवादी नहीं बोलना चाहिए तो हम उनसे दरख्वास्त करेंगे कि यहां पता करें युवा और बहन-बेटियां किस हाल में हैं...' सीतापुर में आकाश ने बीजेपी सरकार की तुलना तालिबान से की थी. 

इस स्पीच में आकाश आनंद ने प्रधानमंत्री पर भी तंज कसा था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि सरकारी नौकरियां नहीं हैं तो क्या हुआ, पकौड़े तलना भी तो रोजगार है. बहुजन समाज पढ़ा-लिखा है वह पकौड़े तलने के लिए नहीं पैदा हुआ है.

आकाश आनंद की एक और वीडियो क्लिप सामने आई है जिसमें वह आक्रामक तरीके से मंच पर कहते हैं, 'न ये सुरक्षा दे पाए, न ये शिक्षा दे पाए, न रोजगार दे पाए. किस बात का अखंड भारत की बात करते हैं ये लोग.' बसपा के स्टार प्रचारक के तौर पर वह रैलियां कर रहे थे लेकिन अब उन्हें सीन से हटा दिया गया है.  

भाजपा की बी-टीम पर क्या कहा

कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में आकाश आनंद से पूछा गया कि बसपा पर आरोप लगते हैं कि वह भाजपा की टीम-बी है. इस पर उन्होंने कहा था कि कोई और पार्टी इतना मुखर होकर मुख्य मुद्दों पर बात नहीं कर रही है. किसी ने बेरोजगारी, टैक्सपेयर, मिडिल क्लास के लिए बात नहीं की. किसी ने सुरक्षा, कानून-व्यवस्था पर बात नहीं की. किसी ने फ्री में बांटने का ये जो धंधा सरकार ने शुरू किया है, उस पर सवाल नहीं उठाया. बी-टीम होती तो ऐसी आलोचना बसपा क्यों करती?

अब आकाश के आक्रामक भाषणों के कारण ही कहा जा रहा है कि परिपक्वता की बात करते हुए मायावती को कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, 'राष्ट्रवादी पार्टी को आतंकवादी बोला, सोचा था, बहन जी इनाम देंगी. दोनों पदों से हाथ धोना पड़ा आकाश आनंद को.'

वजह जो भी हो. सवाल यह भी है कि आज जिस मैच्योरिटी की बात मायावती ने की है, क्या 28-29 साल की उम्र में उत्तराधिकारी बनाए जाते समय इस बारे में नहीं सोचा गया. क्या तब मैच्योर थे? नहीं तो, कुछ तो ऐसा हुआ है जिसने बसपा को भीतर से परेशान कर दिया था और मायावती को फैसला लेना पड़ा. इसकी एक बड़ी वजह आकाश की बोली हो सकती है. हां, सीतापुर में भड़काऊ बयान पर आकाश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. मायावती खुद उनसे नाराज बताई जा रही थीं. आकाश पर पार्टी कार्यक्रमों में शामिल होने पर पाबंदी भी लगा दी गई थी. 

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