नई दिल्ली: करोड़ों लोगों की जान ले चुका चीन की सरहद में पनपा अब तक का सबसे घातक और जानलेवा कोरोना (Corona) वायरस हर किसी को याद ही होगा. अभी लोग कोरोना के डर से उभरे ही नहीं कि एक और कोरोना जैसी बीमारी तेजी से फैलती नजर आ रही है. इस नए वायरस ने एक बार फिर कोरोना काल की यादों को ताजा कर दिया है. चीन में यह वायरस बच्चों में तेजी से फैल रहा है. अस्पताल में इलाज के लिए बच्चों की तादात बढ़ती ही जा रही है. बच्चों में तेजी से फ़ैल रही इस बीमारी की जानकारी ProMed नाम की संस्था ने दी है.
Since mid-October 2023, WHO has been monitoring data from Chinese surveillance systems that have been showing an increase in respiratory illness in children in northern China.
Today, WHO held a teleconference with Chinese health authorities in which they provided requested data… pic.twitter.com/lkO22QrelQ
— World Health Organization (WHO) (@WHO) November 23, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीमार बच्चों को इलाज के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है. बीजिंग चिल्ड्रन हॉस्पिटल में तैनात एक अधिकारी ने इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि यहां पर हर रोज इलाज के लिए 7 हजार से लेकर 10 हजार से भी अधिक लोग इलाज के लिए आ रहे हैं. इसके आलावा उन्होंने बताया कि सभी विभाग की बात करें, तो 15 हजार से भी ज्यादा बच्चों को इलाज किया जा रहा है.
बच्चों पर हो रहा हावी
ProMed नाम की संस्था ने बच्चों में तेजी से फ़ैल रही बीमारी के बारे में जानकारी दी है. यह वायरस बच्चों पर हावी होकर उन्हें संक्रमित कर रहा है. वहीं चीन के एक अधिकारियों की जानकारी के अनुसार श्वसन संबंधी बीमारी के बीच कोविड प्रतिबंधों का खत्म होना है. वहीं उन्होंने बताया कि इस बीमारी की वजह इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित पैथोजॉन्स का फिर से उभरना भी हो सकता है. यह एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो बच्चों में तेजी से फैलता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक तेजी से फ़ैल रही इस बीमारी के लक्ष्ण थोड़े बहुत कोविड-19 से मिलते जुलते हैं. इस रहस्यमयी बीमारी का प्रकोप इतना तेज है कि सरकार ने यहां के अभी स्कूलों को जल्द बंद करने की तैयारी कर ली है. वहीं WHO ने भी इस बीमारी को संज्ञान में लेकर चेतावनी जारी की है. WHO ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चीन ने इस बीमारी के बारे में 13 नवंबर को मीडिया जानकारी दी थी. वहीं एजेंसी ने चीन से इस बीमारी पर निगरानी रखने के लिए कहा है.