पाकिस्तान की कोर्ट में अनोखा फैसला, पति को सुनाई गई 80 कोड़े मारने की सजा

अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश मालिर शेहनाज बोह्यो ने यह सजा का आदेश फरीद कादिर नाम के आरोपी को दिया है. आदेश में साफतौर पर कहा गया,' जो कोई भी कजफ के लिए उत्तरदायी होगा, उसे 80 कोड़े मारने की सजा दी जाएगी.'

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Apr 8, 2024, 06:58 PM IST
  • आरोपी को दी कोड़े से मारने की सजा
  • 70 के दशक में दी जाती थी यह सजा
पाकिस्तान की कोर्ट में अनोखा फैसला, पति को सुनाई गई 80 कोड़े मारने की सजा

नई दिल्ली: पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में एक आरोपी को अनोखी सजा सुनाने का मामला सामने आया है. बता दें कि कराची के एक सेशन कोर्ट ने एक व्यक्ति को 80 कोड़े मारने का आदेश दिया है. कोर्ट के मुताबिक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर व्यभिचार का झूठा आरोप लगाया और अपने बेटी को अपनाने से साफ इंकार कर दिया. 

दोषी को मिली कोड़े मारने की सजा 
बता दें कि अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश मालिर शेहनाज बोह्यो ने यह सजा का आदेश फरीद कादिर नाम के दोषी को दिया है. आदेश में साफतौर पर कहा गया,' जो कोई भी कजफ के लिए उत्तरदायी होगा, उसे 80 कोड़े मारने की सजा दी जाएगी.' कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि दोष सिद्ध होने के बाद दोषी की ओर से कोर्ट में पेश किए गए कोई भी साक्ष्य अदालत में स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोषी फरीद कादिर की पूर्व पत्नी ने अदालत में शिकायत दर्ज करते हुए बताया था कि उनकी शादी फरवरी साल 2015 में हुई थी. वह कम से कम 1 महीने तक फरीद के साथ रही थी. वहीं दिसंबर 2015 में उन्होंने एक बच्ची को भी जन्म दिया था.  

पत्नी की शिकायत पर आया फैसला 
फरीद की पूर्व पत्नी ने कहा, 'मेरे पति भरण-पोषण देने या मुझे और हमारी नवजात बेटी को अपने घर वापस ले जाने में भी विफल रहे. मैंने फैमिली कोर्ट में मामला दायर किया और मेरे पक्ष में डिक्री प्राप्त हुई. कोर्ट ने फरीद को अपनी बेटी और मेरे  भरण-पोषण की व्यवस्था करने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने कार्यवाही के दौरान कोर्ट में 2 आवेदन प्रस्तुत किए, जिसमें बच्ची के लिए DNA टेस्ट और अपनी बेटी को अस्वीकार करने की मांग की गई. ये आवेदन बाद में फरीद की ओर से वापस ले लिए गए.' 

दूसरी ओर फरीद ने अपनी पूर्व पत्नी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है. फरीद का कहना है कि उन्होंने अपनी पूर्व पत्नी के साथ केवल 6 घंटे बिताए थे.  उसने कहा, 'मैं और मेरी पत्नी केवल 6 घंटे ही साथ रहे. फिर वह घर से चली गई और कभी वापस नहीं लौटी.' 

लंबे समय से नहीं थी कोड़े मारने की सजा 
बता दें कि पाकिस्तान में 80 कोड़े मारने की सजा 70 के दशक में जिया उल हक के दौर के बाद नहीं देखी गई थी. इसको लेकर अभियोजक सायरा बानो ने कहा, ' एक वकील के रूप में अपने पिछले 14 सालों की सेवा के दौरान मैंने कफ्ज अध्यादेश की धारा 7 के तहत कोड़े मारने की कोई सजा नहीं देखी है.' उन्होंने कहा, 'कोड़े मारने की यह सजा दशकों में शारीरिक दंड के रूप में अपनी तरह की पहली घटना हो सकती है.' 

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