Onion Price: प्याज की कीमतें में लगी आग, दो हफ्तों में 60% तक बढ़े, जानें- दिल्ली समेत अन्य राज्यों के ताजा दाम

Onion Latest Price:  प्याज के दाम बढ़ने के पीछे कई वजह बताई जा रही है. बताया गया कि दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खरीफ प्याज की बुआई कम थी क्योंकि पिछले दो वर्षों में किसानों को घाटा हुआ था. इन राज्यों में सामान्य से कम बारिश के कारण प्याज का उत्पादन और कम हो गया है. देश को अब खरीफ प्याज की अगली नई फसल राजस्थान के अलवर से मिलेगी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 26, 2023, 10:43 AM IST
  • बाजारों में प्याज की घटती आवक से कीमतें बढ़ीं
  • पिछले एक पखवाड़े में 60% के करीब कीमतें बढ़ीं
Onion Price: प्याज की कीमतें में लगी आग, दो हफ्तों में 60% तक बढ़े, जानें- दिल्ली समेत अन्य राज्यों के ताजा दाम

Onion Latest Price:  महाराष्ट्र में बेंचमार्क लासलगांव APMC में प्याज की औसत थोक कीमत पिछले एक पखवाड़े में 60% के करीब बढ़ गई है. प्याज की कीमतों में पिछले एक सप्ताह में 18% की बढ़ोतरी देखी गई. बुधवार को दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र के कुछ बाजारों में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले प्याज की अधिकतम कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक दर्ज की गई.

प्याज की कीमतों में दिसंबर तक वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है. बताया गया कि नई खरीफ फसल लगभग दो महीने की देरी के बाद बाजार में आएगी.

एक निजी अखबार ने अहमदनगर जिले के प्याज व्यापारियों के संघ के अध्यक्ष नंदकुमार शिर्के के हवाले से लिखा, 'अहमदनगर बाजार में प्याज की औसत कीमत लगभग 10 दिन पहले 35 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब 45 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है.'

महाराष्ट्र के अधिकांश प्याज उत्पादक जिलों में औसत थोक कीमतें अब 45-48 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं. मंगलवार को लासलगांव बाजार में प्याज की औसत कीमत 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक पखवाड़े पहले 10 अक्टूबर को 24 रुपये प्रति किलोग्राम से 58% तक अधिक थी.

केंद्र सरकार का फैसला!
केंद्र सरकार ने 25 अगस्त को प्याज के निर्यात पर 40% का शुल्क लगाया था जब खरीफ फसल की देरी और कम बुआई के कारण कीमतें बढ़ने लगीं. सरकार ने कीमतों को दबाने के लिए नेफेड द्वारा खरीदे गए प्याज को थोक बाजारों में मौजूदा बाजार दरों से कम पर बेचना भी शुरू कर दिया.

क्यों बढ़ रही कीमतें?
प्याज की कीमतें बढ़ने का मुख्य कारण बाजारों में प्याज की घटती आवक है. शिर्के ने कहा, 'पिछले पखवाड़े के दौरान भंडारित प्याज की आवक में लगभग 40% की गिरावट आई है, प्रति दिन 10 टन क्षमता वाले लगभग 400 वाहन से यह लगभग 250 वाहन तक रहे गए. कीमतें स्थिर रहने की संभावना है क्योंकि खरीफ सीजन से नए लाल प्याज की आवक में लगभग दो महीने की देरी होगी.'

वरिष्ठ व्यापार सूत्रों के अनुसार बताया गया कि दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में खरीफ प्याज की बुआई कम थी क्योंकि पिछले दो वर्षों में किसानों को घाटा हुआ था. इन राज्यों में सामान्य से कम बारिश के कारण प्याज का उत्पादन और कम हो गया है. देश को अब खरीफ प्याज की अगली नई फसल राजस्थान के अलवर से मिलेगी. हालांकि, बताया जा रहा है कि राजस्थान में भी, अपेक्षित फसल 40% से कम है.

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