How To Stop Overthinking: शरीर को कमजोर बनाती है हद से ज्यादा सोचने की आदत, जानें कैसे छोड़ें ओवरथिंकिंग की हैबिट

How To Stop Overthinking: ओवरथिंकिंग की समस्या में व्यक्ति के मन में एक ही बात का बोझ बनने लगता है, जिसके बारे में वह सोच-सोचकर परेशान होने लगता है. इस आदत को समय रहते छोड़ना बेहद जरूरी है.  

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Jan 7, 2024, 01:27 PM IST
  • अपने डर का हमेशा सामना करते रहें
  • समय रहते छोड़ें ओवरथिंकिंग की हैबिट
How To Stop Overthinking: शरीर को कमजोर बनाती है हद से ज्यादा सोचने की आदत, जानें कैसे छोड़ें ओवरथिंकिंग की हैबिट

नई दिल्ली: How To Stop Overthinking: कई लोगों की आदत होती है कि वे छोटी सी बात को लेकर इतना सोचते हैं कि इससे उनकी रातों की नींद ही हराम होने लगती है. कई बार तो ज्यादा सोचने से उनकी तबियत भी बिगड़ जाती है. बता दें कि बार-बार ऐसे निगेटिव विचार या तनाव को अपने मान लाना ओवरथिंकिंग कहा जाता है. इस समस्या में व्यक्ति के मन में एक ही बात का बोझ बनने लगता है, जिसके बारे में वह सोच-सोचकर परेशान होने लगता है. अगर आपको भी बात-बात में चिंता करने की आदत है तो समय रहते इसपर सुधार जरूर कर लें. 

क्या है ओवरथिंकिंग? 
एक्सपर्ट्स की मानें तो ओवरथिंकिंग किसी तरह का मेंटल डिसऑर्डर न होकर एक बैड हैबिट है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थय पर बुरा असर डालता है. जब कोई व्यक्ति छोटी सी छोटी बात के बारे में लंबे समय तक सोचने लगे तो वह ओवरथिंकिंग कहलाता है. वैसे तो किसी भी बात को लेकर ज्यादा सोचना नार्मल ह्यूमन नेचर है, लेकिन इस आदत का हद से ज्यादा बढ़ना आपके लिए मुसीबत बन सकता है. ज्यादा ओवरथिंकिंग करने से आपको पैनिक अटैक, एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं. वहीं इससे इंसोमनिया, हाई बीपी, तनाव, मोटापा या वजन घटने जैसी शारीरिक समस्याएं भी हो सकती है.  

ओवरथिंकिंग के लक्षण 

विचारों को बार-बार दोहराना 
ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना  
किसी ने कुछ कह दिया तो उसके बारे में बार-बार सोचना 
अपने पास्ट और भविष्य के बारे में सोच-सोचकर परेशान होना  
हमेशा अकेलापन महसूस करना 
हमेशा गुस्से और तनाव में रहना 
पुरानी बातों को याद करते रहना 

ओवरथिंकिंग से कैसें बचें? 

मेडिटेशन करें 
ओवरथिंकिंग से बचने का सबसे आसान तरीका है मेडिटेशन करें. नियमित रूप से मेडिटेशन करने से आपको मेंटली रिलैक्स महसूस होगा. वहीं इससे आपके अंदर का डर बाहर निकलेगा और आपको घबराहट भी नहीं होगी. 

अपनों से बात करें 
अपनी समस्याओं को लेकर अपने घरवालों या दोस्तों से जरूर बात करें. उनके साथ कुछ समय बिताएं. उनके साथ टहलें, घूमें-फिरें या बैठकर बातचीत करें. इसके अलावा हमेशा अकले रहना बंद करें.  

डर का सामना करें 
हमेशा ध्यान रखें कि कुछ चीजें हमारे कंट्रोल से बाहर होती हैं. ऐसे में उनसे डरने के बजाय उनका सामना करना सीखें. अपनी किसी गलती को लेकर बार-बार सोचकर परेशान न हों. याद रखें कि गलती हर किसी से होती है.  

अपना पसंदीदा काम करें 
कहते हैं कि खाली दिमाग शैतान का होता है. ऐसे में आपका दिमाग जितना खाली होगा वह उतना ही निगेटिव थॉट्स की ओर बढे़गा. इसलिए इसे बुरे विचारों से बचाने के लिए हमेशा कुछ न कुछ करते रहें. आप चाहें तो कुकिंग, पेंटिंग, सिंगिंग या डांसिंग जैसे अपना मनपसंद काम कर सकते हैं. 

सेल्फ लव है जरूरी  
हमेशा अपने आपको कमतर न समझें और  नही किसी गलती के लिए खुद को बार-बार दोषी ठहराएं. इससे आपके मन में हमेशा बुरे विचार ही आएंगे. इसलिए सेल्फ लव पर ध्यान दें. खुद को प्यार करें. इससे आप पॉजीटिव भी महसूस करेंगे. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें. 

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