DRDO Missile Test: भारत ने बनाया सुपरवेपन, रूस के S-400 की तरह दुश्मन को कर देगा तबाह

DRDO Missile Test: भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development) ने देश के रक्षा उपकरणों में एक नया हथियार जोड़ दिया है जो कि रूस के S-400 जितना खतरनाक है और तबाही मचाने का माद्दा रखता है. DRDO ने 14 मार्च 2023 को इस एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया है जो कि स्पीड एयर डिफेंस सिस्टम के मामले में बेहतरीन है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 15, 2023, 05:27 PM IST
  • DRDO ने किया VSHORADS का सफल परीक्षण
  • रूस के S-400 को देगा टक्कर
DRDO Missile Test: भारत ने बनाया सुपरवेपन, रूस के S-400 की तरह दुश्मन को कर देगा तबाह

DRDO Missile Test: भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development) ने देश के रक्षा उपकरणों में एक नया हथियार जोड़ दिया है जो कि रूस के S-400 जितना खतरनाक है और तबाही मचाने का माद्दा रखता है. DRDO ने 14 मार्च 2023 को इस एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया है जो कि स्पीड एयर डिफेंस सिस्टम के मामले में बेहतरीन है. युद्ध के मैदान में जब यह मिसाइल दुश्मन के यान, विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन पर निशाना साधेगी तो उसका बचकर निकल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी होगा.

DRDO ने किया VSHORADS का सफल परीक्षण

DRDO ने ओडिशा के समुद्री तट पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज चांदीपुर में कम दूरी के हवाई डिफेंस सिस्टम(Very Short Range Air Defence System - VSHORADS) का दो बार सफलतापूर्वक टेस्ट किया. इसे जमीन पर मौजूद मैन पोर्टेबल लॉन्चर से दागा गया. मैन पोर्टेबल लॉन्चर का मतलब है कि इसे कोई भी किसी भी जगह ले जाकर दाग सकता है फिर वो पर्वतीय इलाका हो या फिर रेगिस्तानी. इसकी मदद से सीमा पार कर घुसपैठ करने वाले किसी भी दुश्मन के विमान, फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर, मिसाइल या ड्रोन को मार गिराया जा सकता है. 

रूस के S-400 को देगा टक्कर

इस डिफेंस सिस्टम की बात करें तो यह कम दूरी की मिसाइल इंटरसेप्टर प्रणाली है जो कि रूस के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर आधारित है. अच्छी बात यह है कि इस तकनीक को भारत में ही विकसित किया गया है और डीआरडीओ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस मिसाइल में ड्यूल बैंड IIR सीकर, मिनिएचर रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स. इसका प्रोपल्शन सिस्ट ड्यूल थ्रस्ट सॉलिड मोटर जैसी कई आधुनिक तकनीक लगाई गई हैं जो न सिर्फ इसे स्पीड देता है बल्कि सटीकता भी प्रदान करता है.

अत्याधुनिक तकनीक से लैस है ये मिसाइल

इस मिसाइल का इस्तेमाल भारतीय सेना एंटी एयरक्रॉफ्ट वॉरफेयर में कर सकती हैं, जिसका वजन महज 20.5 किग्रा है और लंबाई करीब 6.7 फीट है. इसके पास अपने साथ 2 किग्रा के वजन का हथियार ले जाने की भी क्षमता है, जिसकी रेंज 250 मीटर से 6 किलोमीटर तक है. ऊंचाई की बात करें तो यह 11500 फीट तक की दूरी तय कर सकता है तो वहीं पर अधिकतम स्पीड 1800 किमी प्रतिघंटा है. सबसे पहले इसकी टेस्टिंग 27 सितंबर 2022 को की गई थी.

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