क्या है महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला? अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा को मिली क्लीन चिट

Maharashtra State Co operative Bank Scam: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और NCP अध्यक्ष अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में बड़ी राहत मिली है. EOW यानी आर्थिक अपराध शाखा ने अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को 25 हजार करोड़ के महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में क्लीन चिट दे दी है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Apr 24, 2024, 01:17 PM IST
  • 2020 में ही ED ने दाखिल किया था रिपोर्ट
  • क्या है महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला
क्या है महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला? अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा को मिली क्लीन चिट

नई दिल्लीः Maharashtra State Co operative Bank Scam: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और NCP अध्यक्ष अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले में बड़ी राहत मिली है. EOW यानी आर्थिक अपराध शाखा ने अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को 25 हजार करोड़ के महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में क्लीन चिट दे दी है. साथ ही अजित पवार के भतीजे रोहित पवार से जुड़ी कंपनी को भी क्लीन चिट मिल गई है. 

2020 में ही ED ने दाखिल किया था रिपोर्ट 
आर्थिक अपराध शाखा यानी ईडी की ओर से दाखिल किए गए क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि जरांदेश्वर को-ऑप शुगर मिल को गुरु कमोडिटी से जरांदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को रेंट पर लेने में कोई भी अवैध गतिविधि शामिल नहीं है. गौरतलब हो कि साल 2020 में ही ED ने अजित पवार और उनके भतीजे रोहित पवार के खिलाफ इस केस को बंद करने के लिए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया गया था. 

दोबारा जांच के लिए खोलना पड़ा मामला 
हालांकि, बाद में जब यह मामला कोर्ट में पहुंचा, तो इसे दोबारा जांच के लिए खोलना पड़ गया. इसके बाद आर्थिक अपराध शाखा ने दूसरी रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें कहा गया कि अब तक अजित पवार के खिलाफ ऐसा कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है, जिससे किसी भी नतीजे पर पहुंचा जा सके, लिहाजा इस केस को बंद किया जाए. 

क्या है महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला
दरअसल, यह पूरा मामला राज्य में चीनी सहकारी समितियों, कताई मिलों और अन्य संस्थाओं के जिला और सहकारी बैंकों से पैसे लेने का है. एफआईआर में दावा किया गया था कि बैंक में अनियमितताओं के कारण 1 जनवरी, 2007 से 31 दिसंबर, 2017 के बीच राज्य के खजाने को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. EOW ने तब आरोप लगाया था कि चीनी मिलों को बहुत कम दरों पर लोन देने और डिफॉल्टर बिजनेस की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचने में बैंकिंग और आरबीआई के नियमों का उल्लंघन किया गया. 

ये भी पढ़ेंः Inheritance Tax: क्या है US का विरासत टैक्स, इसको लेकर भारत में क्यों मचा बवाल?

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़