रशियन का धोखा; नया साल मनाने रूस गए भारतीयों को यूक्रेन के सामने युद्ध में उतारा, पंजाब-हरियाणा से हैं युवक

Russia Ukraine War Update: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने नियमित मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि रूसी सेना में सहायक कर्मचारी या सहायक के रूप में काम करने वाले लगभग 20 भारतीयों ने सहायता के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया है. 

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Mar 6, 2024, 09:43 AM IST
  • विदेश मंत्रालय तक भी पहुंचा मामला
  • युवकों को जेल जाने या रूस की तरफ से लड़ने की धमकी
रशियन का धोखा; नया साल मनाने रूस गए भारतीयों को यूक्रेन के सामने युद्ध में उतारा, पंजाब-हरियाणा से हैं युवक

Russia Ukraine War Update:  पंजाब और हरियाणा के रहने वाले सात युवकों के एक ग्रुप ने सहायता के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें रूस में सैन्य सर्विस के लिए तैयार कराया गया और यूक्रेन से युद्ध में लड़ाई के लिए तैनात कर दिया गया. 

सात भारतीयों की पहचान गगनदीप सिंह (24), लवप्रीत सिंह (24), नारायण सिंह (22), गुरप्रीत सिंह (21), गुरप्रीत सिंह (23), हर्ष कुमार (20) और अभिषेक कुमार (21) के रूप में की गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पांच युवक पंजाब के बताए जा रहे हैं, जबकि अन्य दो हरियाणा के हैं.

वायरल हो रहा वीडियो
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जारी 105 सेकंड के वीडियो में, सातों लोगों को सेना की ठंड की जैकेट व टोपी पहने देखा गया है. वे एक कम रोशनी वाले और गंदे कमरे में हैं जिसके एक छोर पर एक सीलबंद खिड़की है. उनमें से छह एक कोने में दिख रहे हैं, जबकि सातवां, जिसकी पहचान हरियाणा के करनाल के 19 वर्षीय हर्ष के रूप में की गई है, वह वीडियो बनाते हुए मैसेज दे रहा है. वे कुल मिलाकर सहायता की अपील कर रहे हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, वे सभी 27 दिसंबर को नया साल मनाने के लिए रूस के लिए रवाना हुए थे. उनके पास रूस यात्रा के लिए वीजा था वो भी 90 दिनों के लिए वैध, लेकिन उन्हें पड़ोसी देश बेलारूस की यात्रा कराने के लिए जे जाया गया.

हर्ष ने वीडियो में कहा, 'एक एजेंट ने हमें बेलारूस ले जाने की पेशकश की... हमें नहीं पता था कि हमें वीजा की जरूरत है. जब हम बेलारूस गए (बिना वीजा के) तो एजेंट ने हमसे और पैसे मांगे और फिर हमें छोड़ दिया. पुलिस ने हमें पकड़ लिया और रूसी अधिकारियों को सौंप दिया, जिन्होंने हमसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए.'

युवक ने बताया, 'अब वे (रूस) हमें यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं.' हर्ष के परिवार ने समाचार चैनल को बताया कि हर्ष विदेश में काम करना चाहता था वह विदेश जाकर रोजगार चाहता था और उसे बताया गया था कि अगर वह रूस के रास्ते जाएगा तो अपनी पसंद के देश में प्रवास करना आसान होगा.

हर्ष के भाई ने दावा किया कि उसे हथियारों का प्रशिक्षण दिया गया और डोनेट्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया.

क्या है मामला?
रिपोर्टों से पता चला है कि रूसी सेना द्वारा 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को सहायक स्टाफ के रूप में भर्ती किया गया था और उनमें से दर्जनों को यूक्रेन के साथ सीमा पर लड़ने के लिए मजबूर किया गया.

पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूसी सेना में सेवारत लगभग 20 भारतीय नागरिकों ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर भारतीयों के हताहत होने की खबरों की पृष्ठभूमि में अधिकारियों से अपनी रिहाई के लिए मदद मांगी है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने नियमित मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि रूसी सेना में सहायक कर्मचारी या सहायक के रूप में काम करने वाले लगभग 20 भारतीयों ने सहायता के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया है. उन्होंने यह नहीं बताया कि रूसी सेना के साथ काम करने वाले भारतीयों की कुल संख्या कितनी है.

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