चुनावी साल में महंगाई के अनुमान पर RBI गवर्नर बोले- हाथी टहलने गया है और वह जंगल में ही रहे

RBI Monetary Policy Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा. यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए यह जानकारी दी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 5, 2024, 11:27 AM IST
  • दूसरी तिमाही में महंगाई सबसे कम रहने का अनुमान
  • ईंधन की कीमतों का असर आने वाले महीनों में दिखेगा
चुनावी साल में महंगाई के अनुमान पर RBI गवर्नर बोले- हाथी टहलने गया है और वह जंगल में ही रहे

नई दिल्लीः RBI Monetary Policy Updates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा. यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए यह जानकारी दी.

दूसरी तिमाही में महंगाई सबसे कम रहने का अनुमान

उन्होंने कहा कि इस वर्ष मानसून की स्थिति को सामान्य मानते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में मुद्रास्फीति के 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है. 

ईंधन की कीमतों का असर आने वाले महीनों में दिखेगा

दास ने अप्रैल-जून के बीच ऊंचे तापमान के अनुमान को देखते हुए खाद्य पदार्थों की कीमतों के मोर्चे पर सतर्क रहने की जरूरत बताई है. उन्होंने यह भी कहा कि ईंधन की कीमतों में कमी का असर आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति पर दिखाई देगा. हालांकि, दास ने कहा कि ऐसा लगता है कि हाथी (महंगाई) टहलने गया है और आरबीआई चाहता है कि वह जंगल में ही रहे. 

केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधरित मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने का लक्ष्य दिया है.

वृद्धि दर के अनुमान को 7 प्रतिशत पर कायम रखा

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत पर बरकरार रखा है. यह 2023-24 के लिए 7.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है. आरबीआई ने अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति में एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. 

चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि ग्रामीण मांग गति पकड़ रही है और विनिर्माण क्षेत्र में निरंतर वृद्धि से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलना चाहिए. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक व्यापार मार्ग में व्यवधान से कुछ दिक्कतें आ सकती हैं.

रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार

मौद्रिक नीति समिति के नतीजे जारी करते हुए आरबीआई ने आज रेपो रेट को एक बार फिर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. यानी ब्याज दरों में कोई कमी नहीं आएगी. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर ही बरकरार है.

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