राज्यपाल बोस पर भड़कीं ममता बनर्जी, कहा- बिना इस्तीफा के राजभवन में नहीं रखूंगी कदम, उनके पास बैठना पाप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर लगे छेड़खानी के आरोपों को लेकर जमकर उनकी आलोचना की है. इस दौरान ममता ने कहा कि राज्यपाल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें अपने पद से क्यों नहीं इस्तीफा देना चाहिए. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : May 11, 2024, 05:48 PM IST
  • 'राज्यपाल को पद से देना चाहिए इस्तीफा'
  • 'अब काम नहीं करेगी आपकी दादागीरी'
राज्यपाल बोस पर भड़कीं ममता बनर्जी, कहा- बिना इस्तीफा के राजभवन में नहीं रखूंगी कदम, उनके पास बैठना पाप

नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर लगे छेड़खानी के आरोपों को लेकर जमकर उनकी आलोचना की है. इस दौरान ममता ने कहा कि राज्यपाल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें अपने पद से क्यों नहीं इस्तीफा देना चाहिए. जब तक बोस प्रदेश का राज्यपाल बने रहेंगे तब तक मैं राजभवन के भीतर कदम तक नहीं रखूंगी. मुझे उनके बगल में बैठना पाप के समान लगता है.

'राज्यपाल को पद से देना चाहिए इस्तीफा'
पश्चिम बंगाल के हुगली लोकसभा सीट पर TMC प्रत्याशी रचना बनर्जी के चुनावी प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने सीवी आनंद बोस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, 'राज्यपाल को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें कारण भी बताना चाहिए. उन्होंने महिलाओं पर अत्याचार किया है. राज्यपाल ने राजभवन का  सीसीटीवी फुटेज जारी किया है. मैंने पूरा वीडियो देखा उसमें मौजूद चीजें काफी चौंकाने वाली थीं.' 

'अब काम नहीं करेगी आपकी दादागीरी'
उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल बोलते हैं कि दीदीगीरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लेकिन श्रीमान राज्यपाल मैं कहती हूं कि आपकी दादागीरी अब काम नहीं करेगी. बोस को साफ तौर पर ये बात स्पष्ट करना चाहिए कि उनके खिलाफ इस तरह के संगीन आरोप लगाए जाने के बाद भी उन्हें अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए.

कोलकाता पुलिस में महिला ने दर्ज की थी शिकायत 
बता दें कि पिछले हफ्ते राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि बोस ने 24 अप्रैल और 2 मई को राजभवन में उसके साथ छेड़खानी की थी. वहीं, बोस ने अपने खिलाफ आरोपों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए नौ मई को राजभवन की कई सीसीटीवी फुटेज दिखाई थीं. इन फुटेज के जारी होने के बाद पीड़िता ने कहा कि वह इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग करेगी. 

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