नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित नामी यूनिवर्सिटी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नाम की फर्जी मार्कशीट व डिग्री बनवाकर चार लोग असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर बेंगलुरू में नौकरी कर रहे थे. मामला संज्ञान में आने के बाद कर्नाटक सरकार के अंतर्गत संचालित डिपार्टमेंट ऑफ कॉलेज एंड टेक्निकल एजुकेशन (Department of Collegiate Education) बेंगलुरू की विजिलेंस टीम ने सीसीएसयू पहुंचकर भ्रष्टाचार से पर्दा उठाया है.
शातिरों को टीम ने दबोचा...
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नाम की फर्जी मार्कशीट व डिग्री बनवाकर बेंगलुरू में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात होकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले चार शातिरों को विजिलेंस टीम ने दबोचा है. इसके बाद टीम ने सीसीएसयू पहुंचकर भ्रष्टाचार से पर्दा उठाया है. बता दें कि पकड़े गए चार शातिरों की पहचान नगन गौड़ा, देवेंद्र बाबू, ज्योतिश्री और सचिन कुमार के रूप में हुई है.
यह शातिर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त हुए थे और इन्होने सीसीएसयू यानी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से बनी डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इन्फार्मेशन साइंस की डिग्री और मार्कशीट जमा करा रखी थी. इसके अलावा ज्योतिश्री ने सोशल साइंस से पीएचडी की उपाधि लगा रखी थी.
दिखा दिए फर्जी कागजात
इन चारों पर जब विजिलेंस टीम को शक हुआ, टीम ने इन सभी को रडार पर लेकर जांच शुरू की. नगन गौड़ा, देवेंद्र बाबू, ज्योतिश्री और सचिन कुमार के द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के दौरान दिखाए गए कागजात लेकर विजिलेंस टीम मेरठ स्थित सीसीएसयू कैंपस पहुंची, जहां जांच के के बाद सभी दंग रह गए. जांच में शातिरों की काली करतूत से पर्दाफाश हो गया. सीसीएसयू कैंपस ने टीम को बताया कि यह कागजात फर्जी हैं. मिली जानकारी के मुताबिक 27 सितंबर 2022 को चारों ने सत्यापन की फर्जी रिपोर्ट भी भिजवाई थी. इस रिपोर्ट पर मुहर की नकल की गई है और अज्ञात व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर कराए गए हैं.
पहले भी सीसीएसयू के नाम पर बनी है फर्जी डिग्री
बता दें पहले भी फर्जी डिग्री को लेकर नौकरी करने का मामला सामने आया है. पिछले साल अगस्त में छत्तीसगढ़ में सात लोगों ने (सीसीएसयू) की फर्जी डिग्री पर सरकारी शिक्षक की नौकरी पा ली थी. वहीं मई 2022 में सीसीएसयू की की फर्जी डिग्री के आधार पर 11 युवकों ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग में मत्स्य विकास अधिकारी के पद पर नौकरी ले ली थी, जब इनकी डिग्री का सत्यापन हुआ, तो उनकी पकड़ हुई थी.
जब हजारों में बेची गई थी फर्जी डीग्री
फर्जी तरीके से डिग्री लेकर नौकरी पाने की कोशिश करने वाले लोगों को झटका लग रहा है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से डिग्री लेकर नौकरी के लिए आवेदन करने वाले ऐसे कई युवाओं की डिग्री सत्यापन में फर्जी मिली है. पुलिस से इस मामले की शिकायत की गई तो पुलिस ने यूनिवर्सिटी से सत्यापन कराया तो डिग्री फर्जी (Fake Degree) पाई गई. वहीं गुजरात के नर्मदा में एक सेंटर से सीसीएसयू के नाम की फर्जी डिग्री 30 से 40 हजार रुपये में बेची जा रहीं थी. इसी तरह के तीसरे मामले में गुजरात के गांधी नगर में एक सेंटर सीसीएसयू के नाम की फर्जी डिग्री बांट रहा था. यहां की 10 डिग्री-मार्कशीट फर्जी मिली थी.
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