US Presidential Election: चुनाव से पहले बाइडेन ने फंड जुटाने में बनाई बढ़त, दबाव में ट्रंप ने लिया ऐसा फैसला; हैरान हो रहे लोग
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US Presidential Election: चुनाव से पहले बाइडेन ने फंड जुटाने में बनाई बढ़त, दबाव में ट्रंप ने लिया ऐसा फैसला; हैरान हो रहे लोग

US Election 2024: भारत की तरह अमेरिका में भी चुनावों से पहले फंड जुटाने के कई तौर तरीके अपनाएं जाते हैं. नेता इसके लिए भावनात्मक अपील करते हुए वीडियो जारी करते हैं. बाइडेन और ट्रंप ने भी ऐसा किया. अप्रैल की शुरुआत में आए आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल ट्रंप की पार्टी पीछे है.

US Presidential Election: चुनाव से पहले बाइडेन ने फंड जुटाने में बनाई बढ़त, दबाव में ट्रंप ने लिया ऐसा फैसला; हैरान हो रहे लोग

Joe Biden Donald Trump: नवंबर 2024 में होने वाले प्रेसिडेंशियल इलेक्शन (US President Election 2024) से पहले वर्तमान राष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन (Joe Biden) ने फंड जुटाने के मामले में अपने प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से पर्याप्त बढ़त बना ली है. इसके बाद जीओपी यानी रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक खुद पर दबाव महसूस कर रहे हैं. ये हाल तो तब है जब अगस्त 2023 में पिछले चुनावी नतीजे पलटने की साजिश रचने के आरोप में डोनाल्ड ट्रंप कैदी नंबर P01135809 बनकर जॉर्जिया की फुल्टन काउंटी जेल पहुंचे और करीब आधे घंटे तक जेल की हवा खाने के दौरान आम कैदियों की तरह उनकी मग शाट वाली तस्वीर खींची गई. जमानत मिलते ही ट्रंप ने मग शॉट को टी-शर्ट, कैप और कैलेंडर में छपवाया और बिक्री के लिए मार्केट में उतार दिया. हालांकि ट्रंप ने तब कहा था इस कमाई का इस्तेमाल अपने चुनाव का खर्चा निकालने में करेंगे. 

ट्रंप ने झोंकी ताकत

ट्रंप अब फंड जुटाने की रेस में बाइडेन को पछाड़ने के लिए फुल स्पीड में काम कर रहे हैं. वो पार्टी के प्रमुख दानदाताओं के साथ ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं. उनकी आक्रामकता को देख पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स हैरान हैं. उनका कहना है कि फंड जुटाने के लिए इतनी मुलाकातें तो उन्होंने 2016 में भी नहीं की थी.  

क्यों पिछड़े ट्रंप?

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप अब इस खाई को पाटने के लिए ज्यादा लोड ले रहे हैं. वो अधिक से अधिक दानदाताओं से संपर्क कर रहे हैं. पार्टी के पुराने दानदाताओं के पास जाकर उनसे मदद मांग रहे हैं. ट्रंप की पार्टी फंड रेजिंग कैंपेन में क्यों पिछड़ी इसकी वजह 2020 के चुनावी नतीजों के बाद कैपिटल हिल हिंसा को माना जा रहा है. उस दौरान ट्रंप के समर्थकों ने उनकी हार स्वीकार करने के बजाए संसद और राजधानी को बंधक बनाने की कोशिश की थी. उस प्रकरण में रिपबल्किन पार्टी की आलोचना और बदनामी हुई थी. जिससे खांटी रिपब्लिकंस समर्थक और दानदाता नाराज हो गए थे.

जिसे ज्यादा फंड मिला क्या वही है जनता की पसंद?

अपनी भारी भरकम लीगल टीम की कोशिशों की वजह से ट्रंप को चुनाव लड़ने का मौका मिल गया लेकिन उन पर लगे मुकदमें अभी खत्म नहीं हुए हैं. वो खुद जमानत पर हैं. कहा जा रहा है कि ऐसे कानूनी पचड़ों की वजह से लोग उनके नाम पर पार्टी को चंदा देने से कतरा रहे हैं. जबकि दूसरी ओर हर अपील जबरदस्त काम कर रही है. हालांकि रिपब्लिकंस को चंदा मिल तो ठीक-ठाक ही रहा है, लेकिन डेमोक्रेट्स की तुलना में काफी कम है. लोग इसे भी दोनों दलों की लोकप्रियता से जोड़ कर देख रहे हैं.

अब कैसे आएगा फंड?

माना जा रहा है कि चंद दिनों में पाम बीच चैरिटी डिनर से कम से कम 50 मिलियन डॉलर का इंतजाम हो जाएगा. हालांकि इस मुहिम से ऐसे दानदाताओं को फंड देने का बढ़िया मौका मिलेगा जो इस कार्यक्रम को गुप्त रखना चाहते हैं. डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीद है कि फंडिंग का नया डाटा आने के बाद बिल क्लिंटन, बराक ओबामा और अन्य पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों की अपील पर जो 25 मिलियन डॉलर का रिकॉर्ड चंदा आया था. वो रिकॉर्ड टूट जाएगा. गौरतलब है कि पिछले साल जब पूर्व राष्ट्रपतियों ने डमोक्रेटिक पार्टी के लिए फंड जुटाने के लिए वीडियो जारी किए थे वो भी हाथों-हाथ वायरल हो गए थे. 

अकेले मार्च में, बाइडेन ने 90 मिलियन डॉलर से अधिक का चंदा इकठ्ठा किया, जिससे उनके फंड रेजिंग कैंपेन में 192 मिलियन डॉलर की पर्याप्त नकदी बची, जो ट्रंप की हिस्सेदारी से दोगुने से भी अधिक रही.

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