Pakistan News: पाकिस्तान में कहां गायब हो गईं दवाएं? शुगर-दिल, कैंसर समेत 30 मेडिसिन 'ऑउट ऑफ स्टॉक'; दर-दर भटक रहे लोग
Advertisement
trendingNow12221414

Pakistan News: पाकिस्तान में कहां गायब हो गईं दवाएं? शुगर-दिल, कैंसर समेत 30 मेडिसिन 'ऑउट ऑफ स्टॉक'; दर-दर भटक रहे लोग

Pakistan Medicine Crisis: पाकिस्तान में पहले आटा लोगों की पहुंच से बाहर हुआ था. अब वहां पर दवाएं आउट ऑफ स्टॉक हो गई हैं. लोग जरूरी दवाओं के लिए दर-दर भटक रहे हैं. 

 

Pakistan News: पाकिस्तान में कहां गायब हो गईं दवाएं? शुगर-दिल, कैंसर समेत 30 मेडिसिन 'ऑउट ऑफ स्टॉक'; दर-दर भटक रहे लोग

Pakistan News in Hindi: पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जहां एक संकट खत्म होते ही दूसरा शुरू हो जाता है. संकट का सीजन कभी खत्म नहीं होता..कभी आटा नहीं मिलता तो कभी दवाओं की शॉर्टेज हो जाती है. आज हम इस सवाल का जवाब ढूंढेंगे कि क्या पाकिस्तान में अब दवा के लिए दंगा होने वाला है. पूरी खबर समझिए, पाकिस्तान में इस समय दवा दुकानों से मेडिसिन गायब हो गई हैं. पाकिस्तान में एक..दो नहीं बल्कि 30 जरूरी दवाओं की कमी हो गई है. एंटी बायोटिक, शुगर, दिल की बीमारी और कैंसर की दवा मिलने पर संकट खड़ा हो गया है. दवाओं की कालाबाजारी हो रही है, लोग दोगुना दाम देने को मजबूर हो गए हैं. 

पाकिस्तान फिर मदद के लिए भारत की ओर देख रहा

पाकिस्तान पर जब भी संकट मंडराता है तो वो भारत की तरफ देखता है. पिछले कुछ सालों से भी यही हो रहा है. पाकिस्तान की सरकार भारत को लेकर उल्टे-सीधे बयान देती है. पर जब भी उन्हें दवा की जरूरत होती है तो वो भारत के सामने हाथ फैलाता है. पिछले एक साल में पाकिस्तान ने भारत से 782 करोड़ की दवाएं इंपोर्ट की हैं. हैरानी की बात है अगस्त 2019 में पाकिस्तान ने भारत से व्यापार पर बैन लगा दिया. हालांकि पिछले 5 सालों में पाकिस्तान में भारत से दवाइयों का इंपोर्ट लगभग दोगुना हो गया है. 

कुल मिलाकर 25 करोड़ पाकिस्तानियों दवा के लिए भटक रहे हैं और उन्हें शहबाज़ शरीफ नहीं बल्कि भारत से मदद मिलने की उम्मीद है. पाकिस्तान में जान बचाने वाली दवाइयों की किल्लत पैदा हो गई है. इंसुलिन, इनहेलर सहित कई दवाइयां मार्केट से गायब हैं. लाहौर..कराची..और इस्लामाबाद सहित पूरे पाकिस्तान में दवाइयों के लिए हाहाकार मच गया है. मेडिकल स्टोर्स पर कैंसर समेत कई बीमारियों की दवा समेत एंटी-बायोटिक दवा भी मिल नहीं रही है. 

पड़ोसी मुल्क में आउट ऑफ स्टॉक हो रही दवाएं

पाकिस्तानी अस्पतालों में भी दवाएं आउट ऑफ स्टॉक हैं..शुगर, बीपी, दिल की बीमारी की दवाएं खत्म हुई तो शहबाज़ का ब्लडप्रेशर बढ़ने लगा. लाहौर के अस्पताल में बेहोशी की दवा खत्म हो गई है, साथ में सर्जिकल दस्ताने भी मरीजों के तीमारदारों के जरिए बाहर से मंगवाया जाने लगा. जल्दी ही पाकिस्तान में एक बार फिर भगदड़ मच सकती है..पाकिस्तानी पहले आटा के लिए मारपीट करते थे, और अब वहां दवा संकट पर दंगे की आशंका है.

जिंदगी बचाने वाली दवाई है, वो मिले इसके लिए सरकार को बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है. जितनी जल्दी हो मार्केट में दे. कुछ ऐसी दवाई है जो मार्केट में मिलती ही नहीं, लोग मेडिसिन के लिए जगह-जगह पर धक्के खा रहे हैं . ना दूसरी मिल रही है ना वो दवाई आ रही है. पाकिस्तान के लगभग सभी शहरों में डायबिटीज, कैंसर और दिल की बीमारियों का इलाज करनेवाली दवाओं की शॉर्टेज है. बताया गया है कि पाकिस्तानी दवा दुकानों पर इस समय वही दवाएं मौजूद हैं जो पहले इंपोर्ट की गई थीं. यानी हाल-फिलहाल में बाहर से दवाइयों की सप्लाई करीब-करीब ठप है.

हार्ट डिजीज की 70 फीसदी दवाइयां नहीं मिल रहीं

जो शुगर के मरीज हैं और हार्ट के पेशेंट हैं उनकी दवाइयों की क्या हालत है, दवाइयां तकरीबन 70 प्रतिशत मिल ही नहीं रही हैं. हार्ट हो, शुगर की दवाइयां बिल्कुल नहीं हैं. काफी महंगी हो गई है इंसुलिन. कभी मिल जाती है कभी नहीं मिलती है. हफ्ते में एक बार कंपनी सप्लाई कर देती है. दो हफ्ते सप्लाई नहीं होती. सिर्फ दवा की कमी ही नहीं है बल्कि नकली दवाओं का खतरा भी है. शॉर्टेज की वजह से पाकिस्तान में नकली और घटिया दवाएं आने लगी हैं. पाकिस्तान के दवा दुकानदार परेशान हैं, क्योंकि वो दवा तभी बेचेंगे जब उन्हें खुद दवाइयां मिलें.

फिलहाल अभी शुगर की मेडिसिन की शॉर्टेज है और कुछ दिल की बीमारियों की दवा नहीं मिल रही है. इनहेलर नहीं मिल रहा है, तकरीबन साल भर हो गया. ब्लैक में आ रहा है, कस्टमर ले रहा है.  काफी कमी है, हार्ट की दवाई की कमी है, शुगर, ब्लडप्रेशर की बहुत शॉर्टेज है. दो-तीन महीने से हार्ट की दवा आ ही नहीं रही है. अक्सर लोग परेशान होते हैं (दवा) ढूंढते हैं, उनको मिलती नहीं है. कई ऐसी दवाएं है जिसकी दूसरी दवा नहीं है. काफी पेशेंट परेशान हैं. 

डॉलर की घटी कीमतों ने भी बिठा दिया भट्टा

दवा संकट की एक वजह है कोविड महामारी के बाद दवाइयों की बढ़ी डिमांड. पाकिस्तानी सरकार इस डिमांड को पूरा नहीं कर पा रही. पाकिस्तानी दवा कंपनियों के मुताबिक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये की कीमत घटने की वजह से कुछ दवाएं नहीं मिल रही. असल में पाकिस्तानी सरकार ने दवाओं की कीमत तय कर दी है. पर डॉलर की कीमत बढ़ने के बाद पाकिस्तान में दवा लाने का खर्च उसकी MRP से भी ज्यादा हो गया है.

दावा ये भी है कि पाकिस्तान के खजाने में डॉलर बहुत कम बचे हैं..और सरकार दवाएं खरीदने के बदले संकट बढ़ने दे रही है. पाकिस्तानी दवा उद्योग से जुड़े उद्यमी कहते हैं कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत बहुत कम हो गई है और हमारी ज्यादातर दवाएं वो इंपोर्ट होती हैं. जो लोकल भी बनती हैं, उसमें इंपोर्टेड मशीनें या कच्चा माल इस्तेमाल होता है. कॉस्ट बहुत बढ़ गई हैं, कम से कम डबल हो गई है. ऐसे में संकट तो बढ़ना ही है. पाकिस्तानियों को लगता है कि दवाओं की कालाबाजारी हो रही है. शहबाज़ को पीएम बने दो महीने बीतने से पहले ही बाजारों से दवाइयां गायब हो गई हैं और पाकिस्तानियों को इसमें नया घोटाला दिख रहा है. 

Trending news