India China Relation: भारत ने लद्दाख में एलएसी के पास दुनिया का सबसे ऊंचा टैंक सर्विस स्टेशन तैयार कर चीन की हवा निकाल दी है. भारतीय सेना ने चीन सीमा के पास दुनिया की सबसे ऊंची टैंक मरम्मत सुविधा तैयार कर दुनिया को चौंका दिया है.
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India China Relation: भारत ने लद्दाख में एलएसी के पास दुनिया का सबसे ऊंचा टैंक सर्विस स्टेशन तैयार कर चीन की हवा निकाल दी है. भारतीय सेना ने चीन सीमा के पास दुनिया की सबसे ऊंची टैंक मरम्मत सुविधा तैयार कर दुनिया को चौंका दिया है. पूर्वी लद्दाख में अपने 500 से अधिक टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को तैनात करने के साथ, भारतीय सेना ने अपने अभियानों का समर्थन करने के लिए उस क्षेत्र में दुनिया की दो सबसे ऊंची टैंक मरम्मत सुविधाएं स्थापित करके एक तरह का रिकॉर्ड बनाया है.
भारत के कदम से चीन को लगेगी मिर्ची
भारतीय सेना ने न्योमा में चीन सीमा के पास डीबीओ सेक्टर में 14,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर दो बख्तरबंद वाहन रखरखाव और मरम्मत सुविधाएं स्थापित की हैं. जो पूर्वी लद्दाख में LAC के पास टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों के लिए दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है. भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि नई टैंक मरम्मत सुविधाओं में से एक दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में स्थापित की गई है, जबकि दूसरी सुविधा नए सेक्टर में है, जो चीन की सीमा से महज 25 किमी दूर है.
लद्दाख में लगभग 500 टैंक तैनात
बता दें कि भारत ने पिछले चार साल में भारत-चीन सीमा पर सैन्य ताकत बढ़ा दी है. वर्तमान में भारतीय सेना ने लद्दाख क्षेत्र में लगभग 500 टैंक तैनात किए हैं. इन टैंक को मरम्मत के लिए नीचे वापस लाना बड़ी चुनौती थी. जिसके चलते ये टैंक सर्विस स्टेशन तैयार किए गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि नई सुविधाओं से भारतीय सेना को उस क्षेत्र में तैनात टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों सहित बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की मरम्मत में आने वाली दिक्कतों से छुटकारा मिल जाएगा.
जयशंकर ने बताई थी एलएसी की हकीकत
याद दिला दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा था कि भारत-चीन सीमा पर मौजूदा सैन्य जमावड़ा 'असामान्य' है. बीजिंग ने 2020 से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना के जवानों को आगे बढ़ाकर कई समझौतों का उल्लंघन किया. जवाबी कार्रवाई में, भारत ने भी बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है. उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को एलएसी से आगे तैनात किया है.