Russia-Ukraine War News: रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत अब भी दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है. सीएनएन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एख वक्त ऐसा आया जब रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमले की तैयारी कर ली थी.
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Russia-Ukraine War News: रूस-यूक्रेन युद्ध का अंत अब भी दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है. रूस ने जब युद्ध शुरू किया था तब लगा था कि यह कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगा. यूक्रेन की फौज रूस के सामने घुटने टेक देगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, युद्ध अब भी जारी है. सीएनएन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एख वक्त ऐसा आया जब रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमले की तैयारी कर ली थी. लेकिन पीएम मोदी और अन्य देशों के दबाव में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह हमला रोक दिया.
सीएनएन की रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में रूस-यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई तो अमेरिका रूस के संभावित परमाणु हमले के प्रति आशंकित था. अमेरिका रूस के हमले की प्रतिक्रिया देने और इससे बचने की तैयारी शुरू कर दी थी. सीएनएन ने दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य देशों की पहुंच ने यूक्रेन पर संभावित परमाणु हमले के संकट को टालने में अहम रोल निभाया. अमेरिका का बाइडेन प्रशासन चिंतित था कि रूस युद्धक्षेत्र में परमाणु हथियार से तबाही मचा सकता है.
पुतिन मान गए पीएम मोदी की बात!
रूस को ऐसे किसी भी कदम से रोकने लिए अमेरिका ने भारत के साथ-साथ कई देशों की मदद लेने की मांग की. अधिकारियों ने बताया कि रूस को स्पष्ट मैसेज भेजने के साथ अमेरिका ने उन देशों से भी संपर्क साधा जिनकी बात पुतिन मान सकते थे. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी और अन्य नेताओं से संपर्क करने के बाद ही यूक्रेन पर परमाणु संकट को टालने में मदद मिली.
'यह युद्ध का युग नहीं है'
रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों से हवाले से कहा गया है कि भारत-चीन के साथ-साथ दूसरे देशों के दबाव बनाने के बाद पुतिन की सोच पर प्रभाव पड़ो होगा. बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग के बारे में भारत ने हमेशा लोगों हत्याओं की निंदा की है. इसके साथ ही युद्ध के शांतिपूर्ण हल का आह्वान किया है. पीएम मोदी ने पिछले साल उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में पुतिन से कहा था कि 'यह युद्ध का युग नहीं है'.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठकों का दौर
याद हो कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच 2022 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अचानक कई बैठकें बुलाई थीं. माना जा रहा है कि तब उन्हें (राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद) जरूर रूस के मनसूबे को लेकर स्पष्ट संकेत मिला होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठकों में रूस के परमाणु हमले करने से लेकर हमले की प्रतिक्रिया या हमले को रोकने जैसी कोशिशों को लेकर चर्चा हुई होगी. यो वो वक्त था जब यूक्रेन में रूसी सेना को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. यूक्रेनी सेना ने दक्षिण में रूस के कब्जे वाले खेरसॉन को घेरने की तैयारी शुरू कर दी थी. अधिकारियों का मानना है कि यह रूस के लिए परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संभावित ट्रिगर था.
यूक्रेन पर लगाया था डर्टी बम का आरोप
कथित तौर पर उसी समय रूस ने यूक्रेन पर डर्टी बम के इस्तेमाल की झूठी कहानी गढ़ी थी. रूस बार-बार दोहरा रहा था कि यूक्रेन उसकी सेना के खिलाफ खतरनाक डर्टी बम इस्तेमाल कर रहा है. जिसके बारे में अमेरिकी अधिकारियों को डर था कि रूस का उद्देश्य परमाणु हमले को कवर करना हो सकता था.