पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड के जंगल भीषण आग से झुलस रहे हैं.
हर साल गर्मियों के मौसम में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की खबर सामने आती हैं.
इस कारण हर साल यहां के जंगलों में बेशकीमती वन संपदा की नस्लें जलकर राख हो जाती है. वहीं आग भुझाने के लिए करोड़ों रुपये लगते हैं.
लेकिन क्या अप जानते हैं कि आखिर हर साल जंगलों में भीषण आग लगने के पीछे क्या कारण है. तो आइए जानते हैं.
दरअसल उत्तराखण्ड के जंगलों में आग लगने की एक वजह यहां पर भारी मात्रा में मौजूद चीड़ का पेड़ भी है.
चीड़ के पेड़ में लीसा नामक एक तरल पदार्थ पाया जाता है. इस पेड़ की पत्तियों में तेल पाया जाता है.
चीड़ के पेड़ की पत्तियों में तेल पाए जाने के कारण यह बहुत ही तेजी से आग को पकड़ लेता है और साथ ही यह विकराल रूप भी ले लेता है.
बता दें कि चीड़ के पेड़ को स्थानीय भाषा में पीरूल भी कहा जाता है. गर्मियों के दिनों में यही पेड़ सूख जाता है और आग पकड़ लेता है.