आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी, कि दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां हवाई अड्डे नहीं हैं. आइए आपको बताते है, कि लोग फिर कैसे करते हैं हवाई यात्रा .
825 की आबादी वाला ये देश विश्व का सबसे छोटा राष्ट्र है. वेटिकन सिटी में ट्रांसपोर्ट के लिए न तो फ्लाइट लैंडिंग के लिए कोई जगह है और न ही कोई समुद्र या नदी है. वेटिकन सिटी उन देशों में से एक है, जिसे पैदल ही कवर किया जा सकता है.
हालांकि, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस देश के चारों ओर बाकी एयरपोर्ट हैं, जिनमें फिमिसिनो और सियाम्पिनो शामिल हैं, जो ट्रेन से लगभग 30 मिनट की दूरी पर हैं.
वेटिकन सिटी के बाद इस लिस्ट में दूसरा नाम मोनाको का है. यूरोप में स्थित ये देश दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश है. मोनाको तीन तरफ से फ्रांस से घिरा हुआ है. इस देश का अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है.
बता दें, कि मोनाको घूमने वाले लोगों को फ्रांस के नाइस कोटे डी'जूर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद कैब बुक करनी होती है या नाव लेनी होती है.
सैन मारिनो, वेटिकन सिटी से काफी दूर स्थित है. सैन मारिनो विश्व के सबसे पुराने देशों में से एक है. इटली से घिरे इस देश की समुद्र तक पहुंच नहीं है. यह देश इतना छोटा है कि इसमें आज तक कोई एयरपोर्ट नहीं बनाया गया.
हालांकि, यहां एक बिजी रोड नेटवर्क है, जो लोगों को सैन मैरिनो से बाहर तक ले जाता है और इटली तक पहुंच को आसान बनाता है. सैन मारिनो के करीब इटली का रिमिनी एयपोर्ट स्थित है.
लिकटेंस्टीन भी एक छोटा देश है, जो बमुश्किल 75 किमी तक फैला हुआ है. लिकटेंस्टीन के पास भी अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है. हालांकि स्थानीय लोग ज्यूरिख एयरपोर्ट का सहारा लेते हैं, जो स्विट्जरलैंड में स्थित है.
एंडोरा बाकी देशों की तरह एक छोटा देश नहीं है. यह कई एयरपोर्ट का निर्माण कर सकता है. हालांकि यहां सबसे बड़ी समस्या पहाड़ों की है. ये देश फ्रांस और स्पेन के बीच स्थित है और पूरी तरह से पर्वत शृंखलाओं से घिरा हुआ है.
यहां ऐसी-ऐसी चोटियां हैं, जो 3000 मीटर तक ऊंची हैं और ऐसी ऊंचाई पर विमान को उड़ाना खतरनाक और मुश्किल टास्क हो सकता है. हालांकि लोग बार्सिलोना, लेरिडा या गिरोना जैसे शहरों से उड़ान भर सकते हैं.