स्पेस सूट में एस्ट्रोनॉट्स को गर्मी से बचाने के लिए लगाई जाती है ये खास प्रणाली, AC की तरह मिलती है कूलिंग
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स्पेस सूट में एस्ट्रोनॉट्स को गर्मी से बचाने के लिए लगाई जाती है ये खास प्रणाली, AC की तरह मिलती है कूलिंग

Space Suit Cooling: स्पेस सूट काफी हैवी होता है ऐसे में इस प्रणाली के बगैर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए इन्हें पहने रख पाना आसान नहीं है. यह प्रणाली कूलिंग तो AC की तरह करती है लेकिन यह AC जैसी बिल्कुल साधारण प्रणाली नहीं होती है.

स्पेस सूट में एस्ट्रोनॉट्स को गर्मी से बचाने के लिए लगाई जाती है ये खास प्रणाली, AC की तरह मिलती है कूलिंग

Space Suit Cooling: अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेस सूट में AC जैसी कूलिंग देने के लिए एक खास प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है जो जो उन्हें ठंडा रखने में मदद करती है, ठीक एयर कंडीशनर (AC) की तरह. दरअसल स्पेस सूट काफी हैवी होता है ऐसे में इस प्रणाली के बगैर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए इन्हें पहने रख पाना आसान नहीं है. यह प्रणाली कूलिंग तो AC की तरह करती है लेकिन यह AC जैसी बिल्कुल साधारण प्रणाली नहीं होती है. इसे थर्मल कंट्रोल सिस्टम (TCS) कहा जाता है और यह कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करके काम करती है, जिनमें शामिल हैं:

1. लिक्विड कूलिंग प्रणाली:

लिक्विड कूलिंग प्रणाली सूट के अंदर से होकर बहने वाले ठंडे तरल पदार्थों (जैसे पानी या ग्लाइकॉल) की नलियों का एक नेटवर्क है. ये तरल पदार्थ यात्री के शरीर से गर्मी को सोख लेते हैं और फिर इसे अंतरिक्ष में छोड़ देते हैं.

2. वाष्पीकरण शीतलन:

इस प्रणाली में, पंखे सूट के अंदर हवा को भेजते हैं. यात्री के पसीने को वाष्पित करने के लिए हवा को थोड़ा गीला रखा जाता है. वाष्पीकरण एक शीतलन प्रभाव पैदा करता है, जो यात्री को ठंडा रखने में मदद करता है.

3. रेडिएशन कूलिंग:

सूट के बाहरी हिस्से को एक विशेष सामग्री से बनाया जाता है जो शरीर से निकलने वाली गर्मी को अंतरिक्ष में रेडिएट करती है.

4. इन्सुलेशन:

सूट मोटे इन्सुलेशन की परतों से बना होता है जो सूर्य से आने वाली गर्मी को रोकता है.

TCS  को यात्री की गतिविधि स्तर और अंतरिक्ष के वातावरण के अनुसार एडजस्ट किया जा सकता है. यह अंतरिक्ष यात्रियों को खतरनाक वातावरण में भी आरामदायक तापमान बनाए रखने में मदद करता है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्पेस सूट में AC जैसी प्रणाली नहीं होती है, जो हवा को ठंडा करती है. इसके बजाय, ये प्रणालियां यात्री के शरीर से सीधे गर्मी को हटाकर या अंतरिक्ष में छोड़कर काम करती हैं.

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