पी श्याम ने खत्म किया 12 साल का इंतजार, बने भारत के 85वें ग्रैंडमास्टर, दुबई में हासिल की उपलब्धि
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पी श्याम ने खत्म किया 12 साल का इंतजार, बने भारत के 85वें ग्रैंडमास्टर, दुबई में हासिल की उपलब्धि

शतरंज में पी श्याम निखिल ने अपने करियर में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. श्याम भारत के 85वें ग्रैंडमास्टर बन गए हैं. उन्होंने रविवार 12 मई 2024 को दुबई पुलिस मास्टर्स 2024 में जीएम जिंशी बाई (सीएचएन) के साथ ड्रॉ खेला. जिसके बाद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल कर 12 साल का लंबा इंतजार खत्म कर दिया है. 

 

P Shyam Nikhil

शतरंज में पी श्याम निखिल ने अपने करियर में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. श्याम भारत के 85वें ग्रैंडमास्टर बन गए हैं. 12 मई को दुबई पुलिस मास्टर्स 2024 में उन्होंने अपने अंतिम जीएम-नॉर्म को सुरक्षित करने के लिए अंतिम दौर में जीएम जिंशी बाई (सीएचएन) के साथ ड्रॉ खेला. उन्होंने 8 साल की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था. श्याम के परिवार में भी कई लोग शतरंज को काफी पसंद करते हैं. माता-पिता ने पी श्याम को शतरंज के बार में काफी कुछ सिखाया था. 

2500 ईएलओ रेटिंग अंक किए हासिल

पी श्याम 31 साल के हैं, जीएम बनने के लिए उन्होंने 2500 ईएलओ रेटिंग अंक हासिल किए, जो जीएम बनने के लिए न्यूनतम हैं. हालांकि उन्हें तीसरे नॉर्म को पूरा करने के लिए 12 साल तक का लंबा इंतजार करना पड़ा. उन्होंने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के बाद कहा, ‘मैंने आठ साल की उम्र में खेलना शुरू किया था, मेरे माता-पिता ने मुझे इस खेल को सिखाया है लेकिन मैं तीन साल तक कोई टूर्नामेंट नहीं खेल सका था. अंडर-13 राज्य चैंपियनशिप जीतने के बाद मेरे लिए अवसर खुल गए क्योंकि मैं एशियाई और आयु वर्ग विश्व चैंपियनशिप खेल सकता था.’

2012 में चूके थे पी श्याम

पी श्याम ने साल 2011 में मुंबई मेयर्स कप में अपना पहला जीएम नॉर्म हासिल किया था. इसके कुछ समय के बाद ही महज 19 साल की उम्र में श्याम ने इंडियन चैंपियनशिप के दौरान दूसरा नॉर्म भी हासिल किया. इसके बाद 2012 की शुरुआत में रेटिंग की आवश्यकता पूरी की. लेकिन बदकिस्मती से श्याम 2012 में दुबई ओपन में अपना अंतिम नॉर्म हासिल करने से चूक गये. इसके बाद अब तक कई मौकों का फायदा नहीं उठा सके. उन्होंने कहा, ‘मैंने 2017 में ही यूरोप में टूर्नामेंट खेले थे, तब तक मैं वियतनाम या यूएई में खेलने की कोशिश कर रहा था और फाइनल नॉर्म हासिल करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन ये जगहें इतनी आसान नहीं हैं क्योंकि टूर्नामेंट बहुत मजबूत हैं.‘अब मैंने जीएम नॉर्म हासिल कर लिया है, ऐसे में मैं अधिक आजादी से खेल सकता हूं.'

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