Hubble Space Telescope: NASA/ESA के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने NGC 4753 नाम की गैलेक्सी और उसकी धूल भरी जटिल संरचना का शानदार फोटो खींचा है. यह इस गैलेक्सी की अब तक की सबसे शार्प फोटो है.
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Hubble Space Telescope Galaxy Images: हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पृथ्वी से 60 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित गैलेक्सी का फोटो लिया है. यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने सोमवार को NGC 4753 नामक गैलेक्सी का फोटो जारी किया. इस फोटो में किनारे से गैलेक्सी का नजारा दिखता है. ESA के अनुसार, इन आकाशगंगाओं का आकार अण्डाकार और अस्पष्ट सर्पिल भुजाएं हैं. NASA/ESA के हबल टेलीस्कोप की यह फोटो NGC 4753 की अभी तक की सबसे साफ फोटो है. इसमें गैलेक्सी की धूल भरी संरचना भी नजर आ रही है. नए फोटो से हबल के धूल भरी संरचनाओं का खुलासा करने की काबिलियत साबित होती है. ESA के मुताबिक, NGC 4753 गैलेक्सी 'वर्गो' कॉन्स्टेलेशन में स्थित है. इसकी खोज 1784 में एस्ट्रोनॉमर विलियम हर्शेल ने की थी. यह वर्गो II क्लाउड में मौजूद NGC 4753 ग्रुप की सदस्य है, जिसमें करीब 100 गैलेक्सी और गैलेक्सी क्लस्टर्स मौजूद हैं.
ESA के मुताबिक, यह गैलेक्सी एक नजदीकी बौनी गैलेक्सी के विलय का नतीजा है. आज से करीब 1.3 बिलियन साल पहले यह विलय हुआ था. NGC 4753 के न्यूक्लियस के चारों तरफ मौजूद धूल का गुबार उसी विलय से निकला माना जाता है. वैज्ञानिक अब यह मानते हैं कि इस गैलेक्सी का अधिकतर द्रव्यमान डार्क मैटर के एक गोलाकार हेलो में स्थित है. डार्क मैटर पदार्थ का वह रूप है जिसे सीधे नहीं देखा जा सकता लेकिन ब्रह्मांड में मौजूद सभी पदार्थ का लगभग 85% डार्क मैटर है. इसे 'डार्क' इसलिए कहते हैं क्योंकि यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड से प्रतिक्रिया नहीं करता. इस वजह से यह प्रकाश उत्सर्जित, परावर्तित या अपवर्तित नहीं करता प्रतीत होता है.
This NASA/ESA @HUBBLE_space telescope image shows a breathtaking view of the galaxy NGC 4753 and its complex dust structures.
This galaxy is a lenticular galaxy, meaning it has an elliptical shape and ill-defined spiral arms.
It is believed to have formed from a galaxy… pic.twitter.com/zti46D6CyH
— European Space Agency (@esa) May 13, 2024
NGC 4753 में वैज्ञानिकों की दिलचस्पी इसलिए है क्योंकि वे लेंटिकुलर गैलेक्सी के बनने की प्रक्रिया समझना चाहते हैं. यहां का वातावरण कम घटना है और संरचना जटिल. ESA के अनुसार, इस गैलेक्सी में दो तरह के सुपरनोवा होते हैं.