खुशखबरी! अब छोटी बचत पर कमाएं ज्यादा मुनाफा, इन योजनाओं पर सरकार दे रही ज्यादा ब्याज
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खुशखबरी! अब छोटी बचत पर कमाएं ज्यादा मुनाफा, इन योजनाओं पर सरकार दे रही ज्यादा ब्याज

Small Saving Schemes Interest Rates: सरकार ने अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र जैसी योजनाओं स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर इंटरेस्ट रेट्स बढ़ाए हैं. 

खुशखबरी! अब छोटी बचत पर कमाएं ज्यादा मुनाफा, इन योजनाओं पर सरकार दे रही ज्यादा ब्याज

Small Saving Schemes Interest Rates Hiked: अगर आप स्मॉल सेविंग स्कीम्स में पैसा लगाते हैं या फिर निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, सरकार ने छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरों (Interest Rates) में इजाफा कर दिया है. जानकारी के मुताबिक ये नए इंटरेस्ट रेट्स 1 अप्रैल 2023 से लागू हो गए हैं.

लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक सरकार ने अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग्स के लिए ब्याज दरों में 70 bps (बेसिस पॉइंट) तक का इजाफा किया है. इन स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर में बढ़ोतरी होने से वरिष्ठ नागरिकों, किसानों और बेटियों को ज्यादा लाभ मिलेगा. 

यहां जानिए कि कि छोटी बचत योजना पर ब्याज में कितना इजाफा हुआ है. 
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर 8 फीसदी सालाना से बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया गया है.
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.2 (120 महीने) में इजाफा कर 7.5 (115 महीने) किया गया है.
देश की बेटियों के लिए चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट 7.6 को बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया गया है.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर  ब्याज दर 0.70% बढ़ी. पहले इस पर इंटरेस्ट रेट 7 फीसदी सालाना मिल रहा था, जिस बढ़ाकर 7.7 पर्सेंट कर दिया गया.

पीपीएफ की ब्याज दरों में नहीं कोई बदलाव
सरकार ने पीपीएफ स्कीम के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, इसमें 7.1 फीसदी की दर से रिटर्न मिल रहा है. ये लगातार 12वीं तिमाही है, जब पीपीएफ के ब्याज दर नहीं बदले गए हैं. 

छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें हर तिमाही में होती है संशोधित
ब्याज दरें कितनी तय की जाएंगी, ये इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार को इन स्कीम्स के समान मेच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड्स पर कितना फायदा हुआ है. श्यामला गोपीनाथ कमिटी ने सिफारिश की थी कि सरकार को बॉन्ड यील्ड से 25 से 100 बीपीएस ज्यादा होना चाहिए. इससे पहले दिसंबर तिमाही में इन स्कीम्स पर ब्याज दरें बढ़ाई थीं. 

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