महाभारत की वो महारानी, जिसने पति को पाया पर खो दिया बेटा

महाभारत की प्रेम कहानियों में से एक पांडवों में सबसे शक्तिशाली भीम और मायावी राक्षसी हिडिंबा की है. वास्तव में आपमें से न जानें कितने ही इस बात से अंजान होंगे कि आखिर इस प्रेम कहानी की शुरुआत कहां और कैसे हुई?

रखवाली कर रहे थे भीम

लाक्षागृह के जलने के बाद पांडव जंगलों में छिपकर रहने लगे थे. उस समय एक रात सभी पांडव भाई और कुंती एक वृक्ष के नीचे विश्राम कर रहे थे और भीम सबकी रखवाली कर रहे थे.

हिडिंब का खतरा

उस समय पांडवों के लिए सबसे बड़ा खतरा राक्षस हिडिम्ब था. जो हमला करने के लिए एक वृक्ष में छिपकर बैठा था.

मानव रक्त पीने का इच्छुक

हिडिंब मानव रक्त पीने का इच्छुक था. जिसकी वजह से उसकी बहन हिडिंबा को आदेश मिला कि वो मानव रक्त ले आए.

भीम और हिडिंबा की प्रेम कहानी

हिडिंब की बात सुनकर राक्षसी हिडिंबा पांडवों को मारकर उनका रक्त लेने गई, लेकिन वहां पहुंचने के बाद भीम देखकर मोहित हो गई और प्रेम में पड़ गई.

शादी का रखा प्रस्ताव

जब हिडिंबा भीम पर मोहित हो गयी तब उसने शादी का प्रस्ताव रखते हुए उन्हें बताया कि ये पूरा क्षेत्र उनके भाई हिडिम्ब का है, जो एक खतरनाक राक्षस है.

भीम का इनकार

हिडिंबा ने भीम से उस जगह को छोड़कर दूर बसने की बात कही, लेकिन भीम ने अपने भाइयों और माता कुंती से दूर जाने से मना कर दिया.

हिडिंब का वध

उस समय हिडिंब वहां आ गया और भीम ने युद्ध में उसे परास्त कर दिया. यही नहीं भीम ने राक्षस का वध कर दिया.

राक्षसी पर विश्वास असंभव

हिडिंबा से भी भीम ने कहा कि वो एक राक्षसी है और उसका विश्वास करना असंभव हो और उसे भी मौत देनी चाहिए.

स्त्री का अपमान गलत

युधिष्ठिर और माता कुंती ने भीम को समझाया कि स्त्री किसी भी रूप में क्यों न हो उसका अपमान नहीं करना चाहिए.

हिडिंबा की प्रार्थना

इसके बाद हिडिंबा ने कुंती से प्रार्थना करते हुए कहा कि वो भीम को पति बनाना चाहती हैं. भीम ने इस बात की स्वीकृति दी.

भीम की शर्त

भीम ने कहा था कि वो दोनों तब तक ही साथ हैं, जब तक उन्हें एक पुत्र न हो जाए.

हिडिंबा और भीम का पुत्र

हिडिंबा भीम को उड़ाकर दूर पहाड़ियों में ले गयी जहां दोनों साथ में रहने लगे. हिडिंबा और भीम का एक पुत्र हुआ. जिसका नाम घटोत्कच रखा गया.

केश हीन था पुत्र

घटोत्कच नाम पड़ने का कारण था कि वो जन्म से ही केश हीन था. इस वीर ने महाभारत के चौदवें दिन ही कोहराम मचा दिया और कौरव सेना डरकर भागने लगी.

घटोत्कच का वध

उस समय अंगराज कर्ण ने इंद्र से मिली शक्ति का प्रयोग करके भीम के पुत्र घटोत्कच का वध कर दिया.

महाभारत की प्रेम कहानी

वास्तव में भले ही भीम और हिडिम्बा का विवाह वैदिक मन्त्रों के साथ नहीं हुआ हो, लेकिन उनकी प्रेम कहानी आज भी प्रचलित है.

Disclaimer

पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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