बीजेपी के 20 करोड़ सदस्य, 43 साल में अटल से मोदी तक कैसे बीजेपी ने 150 गुना बढ़ा ली ताकत
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बीजेपी के 20 करोड़ सदस्य, 43 साल में अटल से मोदी तक कैसे बीजेपी ने 150 गुना बढ़ा ली ताकत

BJP Foundation Day 2023 : आने वाले 6 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी 43 साल की हो जाएगी. लगभग चार दशक के सियासी सफर में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे. करीब 20 करोड़ सदस्‍यों वाली यह पार्टी अब देश की सबसे लोकप्रिय पार्टी बन चुकी है. 

BJP Foundation Day 2023

BJP Foundation Day 2023 : साल 2014 से केंद्र की सत्ता में काबिज और 22 राज्यों में शासन की बागडोर संभाल रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) वर्तमान में कामयाबी की बुलंदियों पर विराजमान है. भाजपा शून्‍य से सफर की शुरुआत कर आज देश की सबसे लोकप्रिय पार्टी बनने का गौरव प्राप्‍त किया है. बीजेपी के अभी करीब 20 करोड़ सदस्य बताए जाते हैं. उसने 1980 में दो सांसदों से शुरुआत की थी और 2019 में उसके 303 सांसद, यानी करीब 150 गुना उसकी ताकत बढ़ी. भाजपा (BJP) आने वाले 6 अप्रैल को 43 साल की हो जाएगी. लगभग चार दशक के सियासी सफर में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखे. ऐसे में आइये जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी से शुरू हुआ सियासी सफर मोदी तक पहुंचते-पहुंचते कैसे बढ़ा ली इतनी ताकत.  

अटल बिहारी पहली बार संसद पहुंचे 
दरअसल, श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी ने अक्‍टूबर 1951 में भारतीय जनसंघ की स्‍थापना की. 1952 में देश में पहला आम चुनाव (लोकसभा) हुए. इसमें भारतीय जनसंघ ने 3 सीटों पर विजय प्राप्‍त की. इसी के साथ पार्टी का राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उदय हुआ. वहीं, पांच साल बाद 1957 में देश के दूसरे आम चुनाव में भी जनसंघ ने हिस्‍सा लिया. इस बार जनसंघ के खाते में पांच सीटें गईं. इसी समय पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार संसद पहुंचे. 

1868 में जनसंघ की स्‍थापना 
1962 में हुए तीसरे आम चुनाव में जनसंघ ने 14 सीटों पर अपना कब्‍जा जमाया. इसके बाद चौथे आम चुनाव में जनसंघ ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए 32 सदस्‍यों को सांसद पहुंचाया. यहां तक सब सही चल रहा थी. इस आम चुनाव के एक साल बाद 1968 में जनसंघ के संस्‍थापक श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी का निधन हो जाता है. इसके बाद पार्टी की जिम्‍मेदारी अटल बिहारी वाजपेयी के कंधों पर आ जाती है. 

आपातकाल के खिलाफ एकजुट हुईं पार्टियां 
इसके बाद भारतीय जनसंघ अटल बिहारी के नेतृत्‍व में 1971 में पांचवे आम चुनाव में 23 सीटे जीतकर संसद पहुंची. इसी दौरान इंदिरा गांधी के आपातकाल के फैसले के खिलाफ कई लोकतांत्रिक और राष्ट्रवादी राजनीतिक पार्टी एकजुट हुए. भारतीय जनसंघ और अन्‍य पार्टियों की इस एकजुटता से जनता पार्टी का उदय हुआ और केंद्र में सरकार बनी. 

1980 पार्टी का उदय हुआ 
लेकिन, केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद आंतरिक कलह बढ़ने से पार्टी टूट गई. इस कलह के बाद जब 1980 में लोकसभा चुनाव हुए तो पार्टी को मिली करारी हार के बाद नई पार्टी बनने की योजना बनी. इस तरह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा का गठन हुआ. अटल बिहारी वाजपेयी इसके पहले अध्यक्ष बने. अपने पहले लोकसभा चुनाव (1984) में भाजपा को 2 सीटों पर विजय मिली. 

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