Uttrakhand News: मिट जाएगा नैनीताल का नामोनिशान!, उत्तराखंड का 180 साल पुराने शहर के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा
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Uttrakhand News: मिट जाएगा नैनीताल का नामोनिशान!, उत्तराखंड का 180 साल पुराने शहर के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

Nainital News: उत्तराखंड के 180 साल पुराने शहर नैनीताल पर खतरा मंडरा रहा है. भूस्सखलनों की बढ़ती घटनाओं के कारण यहां मकानों होटलों के गिरने से खतरे की घंटी बज गई है.

uttrakhand Nainital Landslide

विनोद कांडपाल/नैनीताल: झीलों के शहर नैनीताल के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. भूस्खखलन से गिरते होटलों-मकानों से आशंका जताई जा रही है कि कहीं जोशीमठ की तरह पर्यटकों के इस पसंदीदा शहर का कहीं नामोनिशान न मिट जाए. 23 सितंबर को नैनीताल के चार्टन लॉज में भारी लैंडस्लाइड हुआ था. हालांकि प्रशासन दलील दे रहा है कि यह क्षेत्र पहले से ही असुरक्षित जोन में आता है. 23 सितंबर को चार्टन लॉज में एक दो मंजिला मकान लैंडस्लाइड की भेंट चढ़ गया. इस इलाके के रास्ते और आसपास की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं.

डीएम नैनीताल का कहना है कि इस क्षेत्र के 90 के दशक से ही असुरक्षित जोन घोषित होने के बाद नये निर्माण पर रोक लगाई गई थी लेकिन बावजूद इसके प्राधिकरण की अनुमति के बिना करीब 150 अवैध निर्माण यहां किए गए हैं जिनकी सूची मिल गई है, डीएम नैनीताल का कहना है कि दो मंजिले मकान के गिरने के बाद करीब 20 मकान और भूस्खलन की जद में हैं. इसके अलावा सुरक्षा निर्माण कार्य जारी है लेकिन इस जगह पर ज्यादा भार डालना भी उचित नहीं है क्योंकि ज्यादा बाहर की वजह से भूस्खलन का खतरा बरकरार है, फिलहाल इस पूरे मामले पर भू वैज्ञानिकों से भी राय ली जा रही है.

सन 1880 से लगातार लैंडस्लाइड
विशेषज्ञ मानते हैं कि नैनीताल में अनियोजित रूप से अवैध निर्माण, सीवर की कोई व्यवस्था न होना, और पूर्व में दरकी चट्टानों के बीच घर बनाना यहां हो रहे लैंडस्लाइड की एक बड़ी वजह है, क्योंकि नैनीताल में सन 1880 से लगातार लैंडस्लाइड  हो रहा है, बताया जा रहा है कि साल 1880 में चाइना पीक की पहाड़ी में सबसे बड़ा लैंडस्लाइड  हुआ, तब से लेकर बलियानाला 7 नंबर, पाषाण देवी मंदिर के पास सटी पहाड़ी लैंडस्लाइड  की जद में लगातार आ रहे हैं.

पिछले 150 साल में 10 से ज्यादा लैंडस्लाइड 
सरोवर नगरी नैनीताल में 7 से ज्यादा इलाके भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील हैं, और हकीकत यह है कि पिछले 150 साल में 10 से ज्यादा लैंडस्लाइड नैनीताल में हुए हैं जिसके चलते नैनीताल की अधिकतर पहाड़ियां लैंडस्लाइड के लिहाज से बेहद डरावनी बन चुकी है, और यदि समय रहते नैनीताल को बचाने के लिए ठोस पहल नहीं हुई तो सरोवर नगरी नैनीताल का अस्तित्व जल्दी खत्म होने की कगार पर आ जाएगा.

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