हुआ तो हुआ से विरासत टैक्स तक... पित्रौदा ने पहली बार नहीं कराई किरकिरी, कांग्रेस का किनारा करना काफी नहीं
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हुआ तो हुआ से विरासत टैक्स तक... पित्रौदा ने पहली बार नहीं कराई किरकिरी, कांग्रेस का किनारा करना काफी नहीं

Sam Pitroda: ये वही सैम पित्रोदा हैं जो सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. तब उन्होंने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं. क्योंकि 1984 के बारे में क्या बात करें. उस समय हुआ तो हुआ, इसमें क्या. इसके अलावा भी उन्होंने कई विवादित बयान दिए हैं.

हुआ तो हुआ से विरासत टैक्स तक... पित्रौदा ने पहली बार नहीं कराई किरकिरी, कांग्रेस का किनारा करना काफी नहीं

Indian Overseas Congress: सैम पित्रोदा फिर चर्चा में हैं. किसी जमाने में राजीव गांधी के बेहद करीबी रहे और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने इस बार विरासत टैक्स पर बयान देकर कांग्रेस को फंसा दिया है. पित्रोदा बार-बार अपने बयानों के चलते कांग्रेस को असहज कर देते हैं और फिर कांग्रेस को उनके बयानों पर सफाई देनी पड़ जारी है. इस बार भी वही हुआ लेकिन बीजेपी ने उनके बयान को लपक लिया और हमलावर हो गई. ऐसा भी संभव है कि चुनावी समर में पीएम मोदी भी उनके बयान का जिक्र करके हमला बोल सकते हैं. असल में सैम पित्रोदा ने कहा है कि सर्वे से पता लगाया जाना चाहिए कि किसके पास कितनी संपत्ति है और फिर विरासत टैक्स लगना चाहिए.

सैम पित्रोदा आए दिन ऐसे बयान देकर कांग्रेस को फंसाते रहते हैं. अभी इसी साल जनवरी में उन्होंने कहा था एक बार जब राजीव गांधी ने ने लगातार पांच हजार लोगों से हाथ मिलाया तो उनकी हथेली से खून बहने लगा था. पित्रोदा ने यह भी कहा कि वे सभी लोग गांवों के थे और उनमें से ज्यादातर खुरदरी त्वचा वाले मेहनत वाले लोग थे. उन्होंने बताया कि इसके बाद राजीव गांधी की हथेली से खून बहने लगा. उनके इस बयान पर भी बवाल मचा था.

‘बयानों के बादशाह’ सैम पित्रोदा..
वहीं सैम पित्रोदा ने कुछ समय पहले राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा नहीं होना चाहिए. मंदिरों से बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी भारत की समस्याओं का हल नहीं होगा. पित्रोदा अभी कुछ ही साल पहले सिख विरोधी दंगों पर आपत्तिजनक बयान देकर चर्चा में आए थे. तब उन्होंने कहा था कि मैं इसके बारे में नहीं सोचता हूं. क्योंकि 1984 के बारे में क्या बात करें. उस समय हुआ तो हुआ, इसमें क्या.

कहां तक सफाई देगी कांग्रेस..
इसके अलावा कुछ साल पहले उन्होंने लोगों को कांग्रेस को फंड देने का आग्रह करते हुए अजीब बयान दिया था. सैम पित्रोदा नेअप्रैल 2019 में कहा था कि देश के मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उन्हें पार्टी की प्रस्तावित न्याय योजना को फंड करने के लिए अधिक से अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए. फिलहाल उनका ताजा बयान चर्चा में है. बवाल बढ़ने पर उन्होंने जरूर कहा कि बयान तोड़ मरोड़कर पेश किया गया लेकिन अब यह मुद्दा बीजेपी ले उड़ी है. ऐसे में कांग्रेस का किनारा करना कितना काफी होगा, यह देखने वाली बात होगी.

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