Chaitra Navratri 2024: नागौर का 2000 साल पुराना दधिमती माता मंदिर, जहां नवरात्रि में होती है विशेष पूजा
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Chaitra Navratri 2024: नागौर का 2000 साल पुराना दधिमती माता मंदिर, जहां नवरात्रि में होती है विशेष पूजा

Rajasthan News: राजस्थान के नागौर जिले के जायल कस्बे के समीप गोठ मांगलोद में स्थित 2000 साल पुराना दधिमती माता मंदिर में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर विशेष इंतजाम किए गए. माता के अभिषेक के साथ 9 दिवसीय नवरात्रि महोत्सव का आगाज हुआ. 

 

Nagaur Dadhimati Mata Temple

Chaitra Navratri 2024: नागौर जिले के जायल कस्बे के समीप गोठ मांगलोद में माता दधिमती मंदिर में मंगलवार को दूध अभिषेक के साथ माता का 9 दिवसीय नवरात्रि महोत्सव शुरू हुआ. माता दधिमती, दधीचि ऋषि की बहन थी, इन्हें लक्ष्मी जी का अवतार भी माना जाता है. विद्वानों के अनुसार, दधिमती माता का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हुआ था. यह दाहिमा व डिडेल गोत्र की कुलदेवी है. नवरात्रि में सप्तमी के दिन मंदिर से एक पालकी में देवी के प्रतीक स्वरूप को बिठाकर कपाल कुंड तक लाया जाता है. अष्टमी के दिन दधिमती माता मंदिर में मेला भरता है. मेले में देशभर से लाखों लोगों की भीड़ यहां दर्शन करने के लिए उमड़ती है. 

पुरातत्व विभाग ने संरक्षित स्मारक किया घोषित 
बताया जाता है कि गोठ मांगलोद के इस स्थान पर आकर अयोध्या के राजा मांधाता ने यज्ञ किया था. उन्होंने चार हवन कुंड बनाए थे और इन्हीं चार हवन कुंडों में गंगा, यमुना, सरस्वती व नर्मदा नदी का पानी आता था. इन सभी नदियों जल का स्वाद भी अलग -अलग था. मान्यता यह भी है कि दधिमती मंदिर के पास बने कपाल कुंड में स्नान करने से चर्म रोग से भी मुक्ति मिलती है. इस मंदिर के ऐतिहासिक महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे सरकार के पुरातत्व विभाग ने संरक्षित स्मारक घोषित किया है. 

श्रद्धालुओं के लिए है ये इंतजाम
गोठ मांगलोद चमत्कारी मंदिर इसलिए भी कहा जाता है कि मुगलों के दौर में यहां औरंगजेब की सेना ने मंदिर पर आक्रमण कर दिया था. उसी समय मंदिर के अंदर मधुमक्खियों का एक छत्ता था. औरंगजेब की सेना ने जब मंदिर पर हमला किया, तब मधुमक्खियों ने उन पर आक्रमण बोल दिया. परिणामस्वरूप औरंगजेब की सेना को उल्टे पांव मंदिर के इलाके को छोड़कर भागना पड़ा. मान्यता है कि दधिमती माता यहीं पर प्रकट हुई थी और उन्होंने औरंगजेब की सेना को उल्टे पांव भगाया था. दधिमती माता मंदिर के भीतर नवरात्रों के समय हर रोज काफी संख्या में भक्त दुर्गाष्टमी को पाठ करते हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कई इंतजाम किए गए हैं. मंदिर परिसर में ही सैकड़ों कमरों की धर्मशाला है. वहीं,पर श्रद्धालुओं के ठहरने व अन्य व्यवस्थाओं का इंतजाम किया जाता है.

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