Jaipur News:चिकित्सा संस्थानों में पिछले दिनों चिकित्सकों और कार्मिकों की लापरवाही की घटनाएं सामने आने पर चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने गहरी नाराजगी जताई है.चिकित्सा एसीएस शुभ्रा सिंह ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर बैठक ली.
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Jaipur News:चिकित्सा संस्थानों में पिछले दिनों चिकित्सकों और कार्मिकों की लापरवाही की घटनाएं सामने आने पर चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने गहरी नाराजगी जताई है. मौसमी बीमारियों, चिकित्सा संस्थानों के लिए भूमि की उपलब्धता, फायर एनओसी सहित अन्य विषयों पर आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो भी मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
चिकित्सा एसीएस शुभ्रा सिंह ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर बैठक ली. जिसमें उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम और प्रसार को रोकने के लिए पूर्व तैयारियां सुनिश्चित की जा रही हैं. मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रदेश में एक अप्रेल से मलेरिया क्रेश प्रोग्राम चलाया जा रहा है, ताकि बारिश के मौसम में इस बीमारी का प्रसार नहीं हो. अधिकारी जमीनी स्तर पर जिम्मेदारी के साथ काम करें. मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, पीएमओ सहित पूरा सिस्टम प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम करें.
चिकित्सा एसीएस शुभ्रा सिंह के निर्देश
- आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी
- जनसेवा और जीवन रक्षा का उद्देश्य ही सर्वोपरि
- स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में लापरवाही सामने आई तो होगी सख्त कार्रवाई
- ऐसे मामलों में दोषी अधिकारी या कार्मिक के साथ-साथ उच्च अधिकारियों की भी जिम्मेदारी होगी तय
- पिछले में कुछ चिकित्सा संस्थानों में ऐसी घटनाएं सामने आई
- जिनमें चिकित्सकों एवं अन्य कार्मिकों का मरीजों के प्रति असंवेदनशील रवैया रहा
- ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं
- ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एसओपी और गाइडलाइंस को और सुदृढ़ बनाया जाए
एसीएस ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए अंतर्विभागीय समीक्षा साप्ताहिक रूप से की जाए. 8जिला एवं ब्लॉक स्तर पर भी मौसमी बीमारियों की साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिए. जहां भी मलेरिया, डेंगू आदि मौसमी बीमारियों के केस ज्यादा सामने आएं, वहां बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें.
स्थानीय निकाय विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग, सहित सभी संबंधित विभागों के साथ बेहतर समन्वय कर समुचित तैयारियां की जाएं. इसके साथ ही उन्होंने अस्पतालों की फायर सेफ्टी ऑडिट कराने के भी निर्देश दिए. इसके साथ ही भूमि की उपलब्धता के अभाव में जहां चिकित्सा संस्थानों के भवनों का निर्माण नहीं हो पा रहा वहां भूमि चिन्हित करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए.
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