माता खल्लारी का यह मंदिर महासमुंद जिले में लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. प्राचीन काल में इस स्थान को खल्वाटिका के नाम से जाना जाता था.
माता खल्लारी के मंदिर के पास ही एक छोटा सा खल्लारी माता का मंदिर भी है. दोनों मंदिरों में नवरात्रि के दौरान एक भव्य मेले का आयोजन किया जाता है.
कहा जाता है कि महाभारत काल में जब एक बार महाबली भीम इस स्थान पर विश्राम करने आये थे तो हिंडिबा उन्हें देखकर मोहित हो गये थे.
हिंडिबा के पिता और भीम से युद्ध हुआ. जिसमें राक्षस की मृत्यु हो गई. इसके बाद माता कुंती के आदेश पर भीम ने राक्षसी हिंडिबा से विवाह किया.