Floating Solar Plant: दुनिया का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, MP की शान में कुछ महीनों में देगा बिजली
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Floating Solar Plant: दुनिया का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, MP की शान में कुछ महीनों में देगा बिजली

Floating Solar Power Plant: मध्य प्रदेश के खंडवा (Khandwa  News) की ओंकारेश्वर बांध परियोजना (Omkareshwar Dam Project) में बन रहा दुनिया का पहला तैरता हुआ सोलर प्लांट बिजली पैदा करने के लिए तैयार है. जानिए प्रोजेक्ट की खासियत और तैयारी.

Floating Solar Plant: दुनिया का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, MP की शान में कुछ महीनों में देगा बिजली

Khandwa  News: खंडवा। मध्य प्रदेश में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा पानी में तैरता हुआ सोलर प्लांट (Floating Solar Power Plant) बिजली पैदा करने के अंतिम दौर में है. नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर सागर बांध (Omkareshwar Dam Project) के अथाह पानी की सतह पर यह सोलर पावर प्लांट तैयार किया जा रहा है. 600 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट का पहला चरण का काम अंतिम दौर में है. फरवरी महीने तक इससे 270 मेगावाट बिजली पैदा किए जाने का लक्ष्य रखा है.

600 मेगावाट बिजली मिलेगी
मध्य प्रदेश सरकार के नवकरणीय ऊर्जा विभाग के बड़े अधिकारियों ने इसकी तैयारी का जायजा लिया. ओंकारेश्वर बांध से पहले ही जल विद्युत और सिंचाई के लिए पानी लिया जा रहा है. खंडवा जिले में नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर जलाशय पर 600 मेगावॉट क्षमता की फ्लोटिंग सोलर परियोजना का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है.

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सरकार के प्रयास से बना फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट
अब तक जमीन पर सौर परियोजनाएं विकसित होती थी. लेकिन, प्रदेश सरकार और आरयूएमएसएल द्वारा नवाचार कर पानी पर भी सौर परियोजना विकसित की जा रही है. यहां से बनने वाली 600 मेगावाट बिजली राज्य शासन की पावर कंपनी खरीदेगी. इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के पहले चरण की तैयारियां अंतिम दौर में है. फरवरी 2024 तक यहां से पहले चरण का विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा.

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बहुउद्देशीय परियोजनाओं का हिस्सा
पहले चरण में 270 मेगावाट क्षमता विकसित करने का काम चल रहा है. जिसे फरवरी 2024 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है. यह ओंकारेश्वर परियोजना देश की बहुउद्देशीय परियोजनाओं में से एक है. जहां सिंचाई, जल विद्युत् उत्पादन तो पहले से हो रहा है, अब सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे द्वारा कार्यों एवं परियोजना के काम की समीक्षा की गई.

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