kheti kisani: महिला किसान का जुनून! जैविक खेती से ऐसे कमाए 25 लाख, जीते कई अवॉर्ड
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kheti kisani: महिला किसान का जुनून! जैविक खेती से ऐसे कमाए 25 लाख, जीते कई अवॉर्ड

Madhya Pradesh News: बड़वानी जिले (Barwani) की रहने वाली महिला किसान (Lady Farmer) ललिता मुकाती (Lalita Mukati) ने खेती के क्षेत्र (kheti kisani) में एक मुकाम हासिल किया है. वो पिछले 10 सालों से जैविक खेती (Organic Farming) कर रही हैं. इसकी बदौलत वो हर साल 25 लाख रुपये भी कमा रही हैं. लगन की बदौलत उन्होंने कई अवॅार्ड (Award) भी हासिल किए हैं.

kheti kisani: महिला किसान का जुनून! जैविक खेती से ऐसे कमाए 25 लाख, जीते कई अवॉर्ड

Barwani Lady Farmer Success Story : कहते हैं किसी काम में सफलता तभी मिलती है जब आपके अंदर उसे करने का जुनून हो. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी (Barwani) जिले की ललिता मुकाती (Lalita Mukati) ने इसे करके दिखाया और अपने हिम्मत और हौसलों की बदौलत जैविक खेती (Organic Farming) के जरिए सालाना 25 लाख तक का मुनाफा भी कमाया. पिछले 10 सालों में वो महिलाओं के लिए मिसाल बन कई अवॅार्ड (Award) भी हासिल कर चुकी हैं.

ललिता पति भी खेती का काम करते थे तो उन्होंने अपने पति के साथ इसमें हाथ बंटाना शुरू किया और शुरूआती समय में रासायनिक खेती की लेकिन लोगों की बीमारियों को देखते हुए जैविक खेती करने शुरू किया जिसका परिणाम लोगों के सामने है.

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3 एकड़ से शुरू की थी खेती
ललिता ने सबसे पहले 2 से 3 एकड़ में मूंगफली और ज्वार की खेती करना शुरू किया. धीरे- धीरे अपने इस लगन को वो आगे बढ़ाते हुए चली गई और लगभग 40 एकड़ जमीन पर अब वो सीताफल, नीबूं, चीकू, गेंहू. डॅालर चना और जैविक तरबूत सहित कई सब्जियों की खेती कर रही है.

मिल चुके हैं कई अवार्ड
ललिता को उनकी इस लगन का समय समय पर प्रोत्साहन भी मिलता रहा है. साल 2018 में देश की राजधानी दिल्ली में उन्हें राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हलदर ऑर्गेनिक अवार्ड से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्मानित किया था. इसके अलावा साल 2019 में पूसा अनुसंधान कृषि मेले में उन्हें इनोवेटिव फार्मर के रूप में भी अवार्ड मिल चुका है. साथ ही साथ उन्हें विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है.

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प्रशिक्षण लेने आते हैं छात्र
ललित न केवल खेती के काम में ही अच्छा कर रही हैं. इसके अलावा उनके पास जैविक खेती का प्रशिक्षण लेने के लिए किसान और एनजीओ से जुड़े हुए लोग आते हैं. इसके अलावा खंडवा विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं के साथ साथ अन्य कालेजों में कृषि की पढ़ाई करने वाले छात्र भी प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं.  

इसके अलावा वो बताती हैं कि उनके इस काम में उनके परिवार वालों ने हमेशा साथ दिया. उनके मुताबिक रासायनिक औऱ जैविक खेती में बहुत अंतर है जहां पर रासायनिक खेती करने के लिए 1 एकड़ में 30 हजार रूपए लगते हैं वहीं पर जैविक खेती करने के लिए मात्र 5 हजार सालाना खर्च आता है. जबकि रासायनिक खेती से 20 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा भी होता है और जैविक खेती के माल को बाजारों में बेचने पर भी आसानी होती है.

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