UGC ने किया बड़ा बदलाव! अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PhD जरूरी नहीं, देखें नया नियम
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UGC ने किया बड़ा बदलाव! अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PhD जरूरी नहीं, देखें नया नियम

असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए जरूरी खबर है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. जानें क्या बदलाव हुए हैं- 

 

UGC ने किया बड़ा बदलाव! अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PhD जरूरी नहीं, देखें नया नियम

UGC New Guidelines: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रकिया के लिए बड़ा फैसला लिया है. नए फैसले के तहत अब उम्मीदवारों को असिस्‍टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए PhD की जरूरत नहीं होगी. यानी UGC ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए PhD की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है. आयोग की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके मुताबिक अब असिस्टेंट प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए NET, SET, SLAT पास होना होगा. 

1 जुलाई से लागू हो गए नियम
UGC की ओर से जारी किए गए नए नियम 1 जुलाई 2023 से लागू हो गए हैं. अब असिस्टेंट प्रोफेसर के उम्मीदवारों के लिए PhD डिग्री की योग्यता ऑप्शनल (वैकल्पिक) होगी. अब NET/SET/SLAT पास होना ही हायर एजुकेशन में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पदों पर सीधी भर्ती के लिए न्‍यूनतम मांग होगी.

 

किया गया संशोधन 
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, यूनिर्सिटी ग्रांट कमीशन ने मिनिमम क्‍वालिफिकेशन फॉर अपॉइंटमेंट ऑफ टीचर्स एंड अदर एकेडमिक स्‍टाफ रेगुलेशन 2018 में संशोधन किया  है. संशोधन के बाद सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLET न्यूनतम मानदंड होगा. ये संशोधन अब 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए अन्य मानदंड) (द्वितीय संशोधन) रेगुलेशन, 2023' कहलाएगा. 

 

UGC चेयरमैन एम.जगदीश कुमार ने उच्च शिक्षा संस्थानों में सहायक प्रोफेसर भर्ती के लिए संशोधित नियमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भर्ती के लिए 1 जुलाई 2023 से PhD अब ऑप्शनल होगा, जबकि नेट , सेट व स्लेट अब न्यूनतम अनिवार्य योग्यता होगी. इसके अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में भर्ती के मामलें में उस राज्य की राज्य पात्रता परीक्षा (SET या SLET) उत्तीर्ण किया होना अनिवार्य होगा.

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