आतंकियों के रहनुमाओं... अब भी चेत जाओ! इन बेटियों ने बाप-दादा की पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को किया अलग, इश्तेहार तक निकलवा दिया
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आतंकियों के रहनुमाओं... अब भी चेत जाओ! इन बेटियों ने बाप-दादा की पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को किया अलग, इश्तेहार तक निकलवा दिया

Kashmir News: लोकल अखबारों में छपे एक पब्लिक नोटिस में उन्होंने खुद को अलगाववादी राजनीति से दूर कर लिया है. गिलानी के दामाद अलताफ अहमद शाह ऊर्फ अलताफ फंटूश की बेटी रुवा शाह ने अपने नाना के हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गुट से खुद को अलग करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया. उन्होंने ऐलान किया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की विचारधारा के प्रति उनका कोई झुकाव या सहानुभूति नहीं है. 

आतंकियों के रहनुमाओं... अब भी चेत जाओ! इन बेटियों ने बाप-दादा की पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को किया अलग, इश्तेहार तक निकलवा दिया

Shabbir Shah: भारत के खिलाफ हमेशा भड़काऊ भाषण देने वाले और कश्मीर की जनता को भड़काने वाले पाकिस्तानी समर्थक सैयत अली शाह गिलानी ने बरसों तक राजनीतिक रोटियां सेकीं. उनके बेटे और अलगाववादी नेता शब्बीर शाह भी पीछे नहीं रहे.  लेकिन अब शब्बीर अहमद शाह की बेटी समा शब्बीर और सैयद गिलानी की नातिन रुवा शाह ने खुद को अलगाववादी विचारधारा से अलग कर लिया है. उन्होंने भारत की संप्रभुता के प्रति अपनी निष्ठा का ऐलान किया है. 

खुद को किया राजनीति से दूर

लोकल अखबारों में छपे एक पब्लिक नोटिस में उन्होंने खुद को अलगाववादी राजनीति से दूर कर लिया है. गिलानी के दामाद अलताफ अहमद शाह ऊर्फ अलताफ फंटूश की बेटी रुवा शाह ने अपने नाना के हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गुट से खुद को अलग करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया. उन्होंने ऐलान किया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की विचारधारा के प्रति उनका कोई झुकाव या सहानुभूति नहीं है. 

इस हफ्ते की शुरुआत में लोकल अखबारों में छपे नोटिस में शाह ने कहा, 'मैं भारत की एक वफादार नागरिक हूं और ऐसे किसी संगठन या संघ से जुड़ी नहीं हूं जिसका भारत संघ के खिलाफ एजेंडा है और मैं अपने देश (भारत) के संविधान के प्रति निष्ठा रखती हूं.'

आतंकवाद के लिए फंडिंग के आरोप में जेल में बंद रुवा के पिता की पिछले साल लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई थी. वहीं कश्मीर की पूर्व सीबीएसआई टॉपर 23 वर्षीय समा शब्बीर ने गुरुवार को एक वफादार भारतीय नागरिक के रूप में अपनी स्थिति पर जोर दिया और साफ तौर से पिता के स्थापित प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन से खुद को दूर कर लिया.

तिहाड़ में कैद हैं शब्बीर शाह

 शब्बीर शाह फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं. शाह की बड़ी बेटी समा ने नोटिस में कहा, 'मैं भारत की एक वफादार नागरिक हूं और मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति या संगठन से संबद्ध नहीं हूं जो भारत संघ की संप्रभुता के खिलाफ है.' समा शब्बीर ने कहा, 'मैं किसी भी तरह से डीएफपी या इसकी विचारधारा से जुड़ी नहीं हूं.' 

उन्होंने चेतावनी दी कि बिना इजाजत के उन्हें अलगाववादी समूह से जोड़ने वाले किसी भी शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. शब्बीर अहमद शाह (70) को 2017 में ईडी ने आतंकवाद की फंडिंग से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग एक्टिविटी को लेकर अरेस्ट किया था. 

बाद में इसी आरोप पर एनआईए ने भी उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. यह मामला 2005 की घटना से सामने आया था, जिसमें एक कथित हवाला कारोबारी मोहम्मद असलम वानी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने काफी मात्रा में नकदी के साथ पकड़ा था, जो कथित तौर पर शाह के लिए थी. मामले के सिलसिले में समा को 2019 में ईडी ने तलब किया था, लेकिन वह उस समय पेश नहीं हुईं क्योंकि वह ब्रिटेन में कानून की पढ़ाई कर रही थीं.

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