भूत-प्रेत और आत्माएं अस्तित्व में हैं या नहीं, ऐसा कुछ भी कहना मुश्किल है.

कई लोग ऐसी चीजों पर काफी विश्वास करते हैं, वहीं कई इन सबको महज अफवाह मानते हैं.

कई बार आपने दोस्तों या किसी से भी ऐसी जगहों के बारे में कहानियां या किस्से सुने होंगे, जिसमें आत्माओं के होने का पता चलता है.

चलिए आज हम आपको दिल्ली की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं, जो भूतिया कहानियों के लिए जानी जाती हैं.

दिल्ली के दक्षिण रिज में एक महल छिपा हुआ है, जिसे मालचा कहते हैं.

इस महल को फिरोज शाह तुगलक ने अपने शिकारगाह के लिए बनवाया था.

अवध घराने की बेगम विलायत महल अपने दो बच्चों, पांच नौकरों और 12 कुत्तों के साथ यहां रहने के लिए आईं थीं, लेकिन कभी यहां से बाहर नहीं निकल पाईं.

1985 में भारत सरकार ने बेगम विलायत महल को इसका मालिकाना हक दे दिया. इस टूटते हुए खंडहर महल के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर 9 साल तक धरना दिया था. वो वहीं रहती थीं.

जब रेलवे के अफसर उनको हटाने आते, तो उनके 11 डोबरमैन कुत्ते उन पर झपट पड़ते. पीछे से वो धमकी देतीं कि अगर कोई भी आगे आया, तो सांप का जहर पीकर वो जान दे देंगी.

उनका कहना था कि वो अवध के नवाब वाजिद अली शाह के खानदान से हैं. वह राजकुमारी हैं और इस नाते वाजिद अली शाह का ये महल उनका ही हुआ.

उस महल में छिपकलियां घूमती थीं, कमर तक घास उगी थी, दरवाजे नहीं थे.

ऐसा माना जाता है कि 10 सितंबर 1993 को बेगम ने महल में 62 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली, उनकी रूह यहां भटकती है.

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