दिल्ली AIIMS में इमरजेंसी से लेकर ओपडी में रोजाना तकरीबन 10,000 से 15,000 मरीज इलाज के लिए आते हैं . जिनमें से ज्यादातर मरीज दिल्ली से बाहर के होते है.
यहीं एक वजह है कि ज्यादातर लोग यहां इलाज करने के सिस्टम से पूरी तरह से बेखबर होते हैं. कागजों और फाइलों को लेकर इधर से उधर घूमते रहते हैं.
आज हम आपको बताएंगे दिल्ली एम्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जो कि आपके काम आ सकती हैं.
अगर आप अपनी कार से एम्स आ रहे हैं. तो आप गेट नंबर-1 से प्रवेश करें और इसके बाद आप अपना वाहन गेट नंबर-6 के पास बनी पार्किंग में पार्क कर सकते हैं. वहीं पार्किंग साउथ एक्स वाले गेट के नजदीक है. यहां आपको पार्किंग का भुगतान घंटों के हिसाब से करना होगा.
उसके बाद आप गेट नंबर-1 में घुसते ही सबसे पहले इमरजेंसी डिपोर्टमेंट दिखाई देता है. सभी अस्पतालों में इमरजेंसी डिपार्टमेंट सबसे फ्रंट पर बनाया जाता है. ताकि किसी भी मरीज को इमरजेंसी में जल्द से जल्द पहुंचाया जा सके.
एम्स की इमरजेंसी में रोजाना तकरीबन सैकड़ों लोग आते हैं. यहां कुछ लोग डायरेक्ट आते हैं और तो वहीं कुछ लोगों को रेफर करके भेजा सकते हैं. रेफरल वाले मरीजों को तुरंत ही इमरजेंसी में भेजा जाता है.
गेट नंबर-1 से एंट्री लेते ही आपके दाहिने हाथ की तरफ एक बड़ा सा हॉल दिखाई देता है. वहां पर उन लोगों की लाइन लगती है, जो लोग अपॉइंटमेंट लेकर पहुंचते हैं. वहीं इस लाइन को सुबह तकरीबन सुबह 8 बजे राजकुमारी अमृत कौर नई ओपीडी में लेकर जाया जाता है.
लोग यहां पर आकर एक रात पहले से रही अपना नंबर लगा लेते है. क्योंकि आपको ओपीडी में सीमित मात्रा में ही टोकन मिलेंगे. अगर आप यहां पर नंबर नहीं लगाएंगे तो आपको टोकन नहीं मिलेगा और अगर टोकन मिल भी गया फिर भी आप अपॉइटमेंट नहीं ले पाएंगे.
इसलिए आपके लिए यह बेहतर ही होगा कि आप रात को आकर ही यहां नंबर लगाए. वहीं अगर आपको टोकन मिल जाए तो राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी में आपको अपॉइंटमेंट के लिए लाइन में लगाना होगा.
आपको अपॉइंटमेंट मिलने के बाद आपका कार्ड बनाया जाता है, उसके बाद आप संबंधित डिपार्टमेंट में डॉक्टर को दिखा सकते हैं.
इसलिए आपके लिए यह अच्छा होगा कि आप यहां पर अपॉइंटमेंट लेकर ही आएं. इससे आपकी मेहनत आधी हो जाएगी और आपका काम जल्दी सामाप्त हो जाएगा.
आप अपॉइंटमेंट में के लिए https://ors.gov.in पर ऑनलॉइन अपॉइंटमेंट ले सकते हैं.