इस महीने जब बद्रीनाथ का कपाट खोला गया तो कुछ ऐसा हुआ जिसे तीर्थ पुरोहित देश के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं.
बद्रीनाथ की मूर्ति को कपाट बंद करने के वक्त जिस घृत कंबल को ओढ़ाया गया था, जब उसे हटाया गया तो उस पर घी पूरी तरह से लगा मिला.
इतने कम तापमान होने के बावजूद भी घी सूखा नहीं. घृत कंबल पर घी का न सूखना देश के लिए शुभ माना जाता है.
बद्रीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी ने बताया कि बद्रीनाथ गर्भगृह जब घृत कंबल हटाया गया तो उस पर लगा घी का लेप नहीं सूखा. यह पूरे देश में खुशहाली आने का संकेत देता है.
ऐसी मान्यता है कि यदि अगर बद्रीनाथ के माथे की तरफ का कंबल से घी सूख जाता है तो हिमालय में सूखा पैदा होता है.
वहीं एक मान्यता यह भी है कि अगर निचले हिस्से में अगर घी सूखे तो देश में विपत्ति आने के संकेत होते है.
वहीं इस घृत कंबल देश के प्रथम माणा गांव की महिलाओं के द्वारा तैयार किया जाता है.
ब्रदीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद घी के लेप लगे कंबल को ब्रदीनाथ को ओढ़ाया जाता है और कपाट के खुलने के दिन इसको तीर्थ यात्रियों में प्रसाद के रूप में दिया जाता है.