Kake Ki Hatti: 100 साल में 32 नान से बनाई पहचान, आज 29 देशों मिल चुका है ट्रेडमार्क
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1572734

Kake Ki Hatti: 100 साल में 32 नान से बनाई पहचान, आज 29 देशों मिल चुका है ट्रेडमार्क

दिल्ली कई चीजों के लिए प्रसिद्ध हैं. उनमें से एक है यहां का खाना, जो कि पूरे भारत के साथ-साथ कई देशों में मसहूर है. वहीं हमने एक स्वादिष्ट जगह की स्टोरी की है. जो कि 100 साल पुरानी है.

Kake Ki Hatti: 100 साल में 32 नान से बनाई पहचान, आज 29 देशों मिल चुका है ट्रेडमार्क

Delhi Food:  पुरानी दिल्ली का नाम आते ही मुंह में पानी आ जाता है. पुरानी दिल्ली के व्यंजन हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व प्रसिद्ध हैं. वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं, पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के फतहपूरी स्थित काके की हट्टी जो कि अपने स्पेशल नान के लिए प्रसिद्ध है, उसके बारे में. यह दुकान करीब 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है. इसका फूड लाइसेंस आजादी से पहले का है. चार पीढ़ियां इस काम को करती आ रही हैं. गुरदीप चौथी पीढ़ी के हैं, जो नान का काम कर रहे हैं. वही पुराना स्वाद आज भी बरकरार है, जो सौ साल पहले था.
 
32 तरह के नान
बता दें कि यहां आपको 32 तरह के नान खाने को मिलेंगे, किंग ऑफ नान जिसका आकर देख कर आप भी चकित रह जाएंगे. 28 सेंटीमीटर बड़े इस नान की खासियत यह है कि इस नान को खाने के लिए आप के साथ कम से कम चार लोग चाहिए. इसके साथ वहीं सबसे स्पेशल नान धुआंधार है, जिसके खाते ही मुंह से धुआं उठने लगता है. जी हां इस स्पेशल नान की खासियत यह है कि यह एकदम तीखा और चटपटा होता है. इसके अलावा छोले चावल भी काफी स्वादिष्ट हैं. 100 साल के इस सफर में उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन अब काके की हट्टी न केवल देश में बल्कि 29 अन्य देशों में ट्रेडमार्क ले लिया है. 

व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने में सबसे ज्यादा मसालों का हाथ होता है. इसके लिए काके की हट्टी खड़े मसाले का उपयोग करती है. वहीं हमारी जी मीडिया की टीम ने काके की हट्टी के मालिक गुरदीप सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि आने वाले समय में किन-किन देशो में पुरानी दिल्ली स्थित काके की हट्टी का स्वाद अन्य देशों में मिलेगा. 

ये भी पढ़ें: फौजी बनने के लिए की खुदकुशी, सुसाइड नोट में लिखी यह हैरान करने वाली बात

वहीं काकी की हट्टी पर खाने आने वाले लोगों का कहना है कि वो बहुत समय से यहां खाने आते हैं और जो स्वाद यहां है कहीं और नहीं है. वहां मौजूद लोगों में से एक ने बताया कि बचपन से ही मैं लगातार यहां आकर खाना खाता रहा हूं. खासतौर पर इनके सबसे ज्यादा धुंआधार नान खाने आता हूं. ऐसा नान कहीं नहीं मिलता. वहीं दूसरे शख्स ने बताया कि मैं पहली बार यहां खाने आया हूं. यहां आकर स्वाद यूनिक मिला. उसने बताया कि यहां के नान बहुत स्वादिष्ट हैं, जिन्हें खाकर अलग ही अहसास हुआ.

Input: Sanjay kumar Verma

Trending news