गर्भपात अधिकार को लेकर इटली में घमासान! क्या रद्द हो जाएगा 46 साल पुराना कानून?
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गर्भपात अधिकार को लेकर इटली में घमासान! क्या रद्द हो जाएगा 46 साल पुराना कानून?

इटली में गर्भपात के अधिकार को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है. 1978 में लागू किए गए गर्भपात कानून को लेकर कई संगठन और राजनीतिक दल इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

गर्भपात अधिकार को लेकर इटली में घमासान! क्या रद्द हो जाएगा 46 साल पुराना कानून?

इटली में गर्भपात (Abortion) को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है. प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की अगुवाई वाली दक्षिणपंथी सरकार गर्भपात का विचार कर रहीं महिलाओं तक विरोधी ग्रुप की पहुंच को अनुमति देना चाहती है. यह कदम कैथोलिक धर्म बहुसंख्यक देश इटली में गर्भपात को लेकर पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा सकता है.

सरकार का यह प्रस्ताव 1978 के कानून (Law 194) के मूल उद्देश्य को पूरा करना माना जा रहा है. इस कानून के तहत प्रेग्नेंसी के पहले 12 हफ्तों में गर्भपात की अनुमति है. साथ ही, महिलाओं को उनके अधिकारों और गर्भपात न कराने के विकल्पों के बारे में सलाह देने के लिए सार्वजनिक रूप से फंडेड काउंसलिंग सेंटर का प्रावधान है. हालांकि, वास्तविकता में गर्भपात तक पहुंच हमेशा आसान नहीं होती है. मौजूदा कानून चिकित्सा कर्मियों को अनुचित आपत्ति दर्ज कराने और गर्भपात करने से इनकार करने की अनुमति देता है. कई कर्मचारी ऐसा करते हैं, जिसका मतलब है कि महिलाओं को कभी-कभी प्रक्रिया कराने के लिए दूर का सफर तय करना पड़ता है.

मेलोनी का कहना है कि वह 1978 के कानून को वापस नहीं लेंगी, बल्कि इसे पूरी तरह से लागू करना चाहती हैं. वह इटली के डेमोग्राफिक संकट को दूर करने के लिए महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने को भी प्रायोरिटी दे रही हैं.

​इटली में जन्मदर सबसे कम
इटली में जन्मदर पहले से ही दुनिया में सबसे कम में से एक है और पिछले साल रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गया था, जिसमें केवल 379,000 बच्चे पैदा हुए थे. मेलोनी की रूढ़िवादी ताकतों ने 2033 तक सालाना कम से कम 5,00,000 जन्मों को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाया है. डेमोग्राफर्स का कहना है कि यह दर इटली की अर्थव्यवस्था को ढहने से रोकने के लिए आवश्यक है.

विपक्ष पर बसरीं मेलोनी
मेलोनी ने विपक्ष के आरोपों को 'फर्जी खबर' बताया है. उनका कहना है कि कानून 194 गर्भपात को रोकने के उपायों का प्रावधान करता है, जिसमें गर्भवती महिलाओं को विकल्पों के बारे में सलाह देना भी शामिल है. प्रस्तावित संशोधन विशेष रूप से विरोधी गर्भपात समूहों या मातृत्व का सपोर्ट करने वाले ग्रुप को काउंसलिंग सेंटर में काम करने वाले स्वयंसेवी ग्रुप में शामिल होने की अनुमति देता है.

हाल ही में फ्रांस ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने संविधान में गर्भपात के अधिकार को शामिल किया. पिछले साल, कैथोलिक बहुल राष्ट्र माल्टा ने यूरोपीय संघ में सबसे सख्त गर्भपात कानूनों को आसान बनाने के लिए मतदान किया. पोलैंड भी अपनी पिछली दक्षिणपंथी सरकार द्वारा अधिनियमित गर्भपात पर लगभग पूरे बैन को हटाने के प्रस्तावों के साथ आगे बढ़ा है.

दूसरी ओर, इटली के वामपंथी दल को डर है कि देश अमेरिका की राह पर चल सकता है, जहां राज्यों द्वारा गर्भपात तक पहुंच को प्रतिबंधित किया जा रहा है. विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख एली श्लेइन का कहना है कि इटली को सार्वजनिक अस्पतालों में गर्भपात करने के लिए तैयार डॉक्टरों का एक अनिवार्य प्रतिशत स्थापित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि अन्यथा ये अधिकार केवल कागजों पर ही रहेंगे.

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